परमवीर चक्र विजेता के शहीदी दिवस पर फिर लहराया तिरंगा

--कारगिल दिवस पर सहयोगी खबर-- फोटो सहित -बत्रा टॉप पर कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी को याद किया -20 साल पहले कारगिल के प्वाइंट 4875 पर पहुंचे जांबाज लगे जयघोष ------------

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Jul 2019 08:52 AM (IST) Updated:Tue, 09 Jul 2019 06:33 AM (IST)
परमवीर चक्र विजेता के शहीदी  दिवस पर फिर लहराया तिरंगा
परमवीर चक्र विजेता के शहीदी दिवस पर फिर लहराया तिरंगा

राज्य ब्यूरो, जम्मू : अदम्य साहस और असाधारण वीरता से कारगिल युद्ध जीतने वाले सेना के शूरवीर युद्ध के पलों को याद करने के लिए कारगिल के प्वाइंट 4875 पर तिरंगा लहराने पहुंचे। ठीक बीस साल पहले सात जुलाई को परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा ने इस चोटी को दुश्मन से आजाद करवाते हुए अपने प्राणों की आहूति दी थी।

रविवार को बत्रा टॉप के नाम से प्रसिद्ध इस चोटी पर कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी को याद करने वालों में वे शूरवीर भी थे, जो इन चोटियों पर दुश्मन पर काल बनकर टूटे थे। इनमें 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स के परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार, सेना की 14 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी व कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई विशाल बत्रा व सेना के कई अधिकारी मौजूद थे। कैप्टन बत्रा इस लक्ष्य से शेर की तरह दुश्मन पर टूट पड़े थे कि या तो तिरंगा लहराएंगे या फिर तिरंगे में लिपट कर आएंगे।

ऐसे में तिरंगा लहराने के साथ वे जयघोष फिर दोहराए गए, जिन्हें बुलंद करते हुए सेना के अधिकारियों व जवानों ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह हराया था। यह हौसला देने के साथ भावुक करने वाले पल भी थे। इस चोटी पर विक्रम बत्रा के साथ सेना के कई बहादुरों ने भी प्राणों की आहुति दी थी। ऐसे में अब शांत खड़ी इन चोटियों पर विपरीत हालात में पाकिस्तान से लड़े गए युद्ध के पल याद हो आए।

कारगिल के जांबाजों के साथ पहुंचे कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी कारगिल युद्ध के समय लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स की कमान कर रहे थे। उनके नेतृत्व में कारगिल युद्ध प्वाइंट 5140 जीतने में निर्णायक भूमिका निभाई थी। बहादुरी के लिए लेफ्टिनेंट जनरल जोशी को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

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