डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- कश्मीर में प्रभावी होंगे 854 केंद्रीय कानून, ट्रांसफरों में पारदर्शिता बरतें केंद्र शासित प्रदेश

राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के निवासियों को देश के अन्य राज्यों की तरह हर सहूलियत मिलेगी। प्रदेश में सभी 854 केंद्रीय कानून प्रभावी बनाए जाएंगे।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 08:40 AM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 09:12 AM (IST)
डॉ. जितेंद्र सिंह  ने कहा- कश्मीर में प्रभावी होंगे 854 केंद्रीय कानून, ट्रांसफरों में पारदर्शिता बरतें केंद्र शासित प्रदेश
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- कश्मीर में प्रभावी होंगे 854 केंद्रीय कानून, ट्रांसफरों में पारदर्शिता बरतें केंद्र शासित प्रदेश

जम्मू, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र  सिंह  ने कहा कि जम्मू कश्मीर के निवासियों को देश के अन्य राज्यों की तरह हर सहूलियत मिलेगी। प्रदेश में सभी 854 केंद्रीय कानून प्रभावी बनाए जाएंगे। डॉ. सिंह  ने कहा है कि सभी राज्य केंद्र शासित प्रदेश ट्रांसफरों में पारदर्शिता के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल का अनुपालन करें। वह शुक्रवार को दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर समेत देश के अन्य हिस्सों में बेहतर व्यवस्था बनाने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों का भी हवाला दिया। बातचीत करते हुए डॉ.  सिंह  ने स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर को वहीं सुविधाएं मिलेंगी जो अन्य देशवासियों को मिल रही हैं।

जम्मू कश्मीर के लोगों को कोई विशेष रियायतें नहीं दी जा रही हैं। उन्हें केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं, केंद्रीय कानूनों का अब पूरा पूरा लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में सभी केंद्रीय कानून प्रभावी बनाने के मामले में गंभीर है। जम्मू कश्मीर में इनमें से पहले सिर्फ 200 कानून थे।

डॉ. सिंह ने कहा है कि हमारी पूरी कोशिश है कि पिछले सात दशकों में जम्मू कश्मीर के लोगों से जो भेदभाव, नाइंसाफी हुई है, उसकी अब भरपाई की जा सके। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर व लद्दाख के लोगों को मोदी सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं। इन उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है। 

उद्योगों के लिए जम्मू कश्मीर शासन बना रहा लैंड बैंक

प्रदेश सरकार नए जम्मू कश्मीर में तेज आर्थिक विकास की जमीन तैयार करने में जुटी है। उद्योगों को आकर्षित करने के लैंड बैंक बनाया जा रहा है ताकि उन्हें उचित दर पर जमीन उपलब्ध करवाई जा सके। राज्य प्रशासन ने जमीन का डाटा बैंक बनाना शुरू कर दिया गया है। प्रदेश में अब तक करीब 18 हजार कनाल भूमि को चिह्नित कर लिया गया है। सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर इस पर काम कर रहे हैं।

यहां बता दें कि केंद्र सरकार प्रदेश में अगले वर्ष निवेशक सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी कर रही है। लक्ष्य है कि एक लाख करोड़ का निवेश जुटाया जा सके। हजारों करोड़ के प्रस्ताव पहुंच भी चुके हैं। ऐसे में चुनौती नए उद्योगों को जमीन उपलब्ध करवाने की है।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद कई बड़े समूहों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश की घोषणा की थी। चार माह में 35 से 40 समूहों ने अपने प्रोजेक्ट प्रशासन को सौंपे हैं। इन निवेश में सबसे बड़ी चुनौती पर्याप्त जमीन उपलब्ध करवाने की है। प्रदेश सरकार के पास अपना लैंड बैंक न होने के कारण अभी यह सभी प्रोजेक्ट लंबित पड़े थे।

जम्मू और कश्मीर में भी देखी जगह

प्रशासन ने फिलहाल करीब 18 हजार कनाल भूमि को चिह्नित किया है। इसमें से दस हजार कनाल भूमि जम्मू संभाग के जम्मू और सांबा जिलों में है। इसके अलावा गांदरबल और कुपवाड़ा में भी जगह चिह्नित की गई है। इस बात की पुष्टि करते स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक रवींद्र कुमार ने कहा कि प्रशासन पहले ही यह साफ कर चुका है कि उनके पास पर्याप्त जगह है।

इन क्षेत्रों में हैं संभावनाएं

जम्मू-कश्मीर में सेब उद्योग, सूखे मेवे, केसर, होटल और पर्यटन क्षेत्र में सबसे अधिक रूचि दिखाई जा रही है। लैमन ट्री समूह ने भी होटल बनाने में रूचि दिखाई थी। इसके अलावा अन्य कई समूह भी होटल बनाने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

पहले नहीं खरीद सकते थे जमीन

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 होने के कारण बाहर का कोई भी व्यक्ति यहां पर जमीन नहीं खरीद सकता था। यहां पर सिर्फ स्टेट सब्जेक्ट वाले लोग ही जमीन खरीद सकते थे। इस कारण प्रदेश विकास में पिछड़ गया।

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