झिड़ी मेला: सज गया बुआ-बाबा का दरबार, कल होगा पूर्णिमा का स्नान

बाबा तालाब में शुक्रवार 23 नवंबर को होने वाले पूर्णिमा के स्नान और झिड़ी के आसपास लगने वाली विभिन्न बिरादरियों की मेल की तैयारियां भी जोरशोर चल रही हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 22 Nov 2018 12:03 PM (IST) Updated:Thu, 22 Nov 2018 12:03 PM (IST)
झिड़ी मेला: सज गया बुआ-बाबा का दरबार, कल होगा पूर्णिमा का स्नान
झिड़ी मेला: सज गया बुआ-बाबा का दरबार, कल होगा पूर्णिमा का स्नान

जम्मू, जेएनएन: उत्तर भारत के सबसे बडे़ किसान मेलों में से एक झिड़ी मेले में बुआ-बाबा के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु देश भर से पहुंच रहे हैं। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली से परिवार सहित पहुंच रहे श्रद्धालुओं ने बाबा जित्तो, बुआ कौड़ी के दरबार में हाजरी दी और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कामना की।

वहीं बाबा तालाब में शुक्रवार 23 नवंबर को होने वाले पूर्णिमा के स्नान और झिड़ी के आसपास लगने वाली विभिन्न बिरादरियों की मेल की तैयारियां भी जोरशोर चल रही हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए सर्कस, मौत का कुआं और झूलों पर अभी से रौनक दिख रही है। सुबह तड़के से ही ऐतिहासिक बुआ-बाबा दरबार में दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हैं।

देश-विदेश से पहुंच रहे श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। झिड़ी मेला स्थल पर बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के जयघोष गूंजते रहे। मेला सचिव राम दित्ता के अनुसार एक लाख से ऊपर श्रद्धालु इस समय बाबा के स्थान पर पहुंच चुके हैं। शुक्रवार को पूर्णिका के स्नान में करीब तीन लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। पंजाब के गांव कथुनंगल के रंधीर सिंह एवं परिवार के सदस्याें ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से मेला शुरू होते ही आ जाते हैं।

पूर्णिंमा के दिन स्नान कर वापिस लौट जाते हैं। पंजाब के बेरका गांव से आए सुमित शर्मा, राज सिंह, विजय कुमार, सूरज सिंह, शक्ति गुप्ता, संदीप, संजय महाजन ने बताया कि वे बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के इस स्थान पर कई सालों से आते हैं। हालांकि उन किसी प्रकार का बंधन नहीं है। लेकिन एक बार जब आए थे तो जीवन में कई अच्छी बातें हुई। अब हमारा दोस्ताें का दल परिवार सहित बुआ-बाबा के स्थान पर आता है। अच्छा लगता है। हर वर्ष कई नए लोग हमारे साथ आते हैं। मेला अधिकारी मढ़ ने बताया कि मेले को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मेले में श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है। बेशक मेले की अधिकारिक तौर पर घोषणा पूर्णिंमा के दिन ही होगी। लेकिन अनौपचारिक तौर पर मेला शुरू हो चुका है।

यातायात की यह रहेगी व्यवस्था

झिड़ी मेले को देखते हुए प्रशासन की ओर से मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन से यातायात के विशेष प्रबंध किए गए हैं। ज्यूल क्षेत्र से झिड़ी गांव के लिए आसानी से यात्री वाहन मिल जाएंगे। निजी वाहनों से जाने वाले मंदिर तक पहुंचने के लिए जम्मू-अखनूर रोड पर संब्यालवाला से झिड़ी देव स्थान का रास्ता पकड़े। वाहनों की वापसी मिश्रीवाला मार्ग से होगी। बडे़ वाहन सुआ नंबर एक से झिड़ी की ओर एंट्री कर पाएंगे। निजी वाहनों से आने जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी होती है। श्रद्धालुओं को ट्रैफिक पुलिस द्वारा तय रास्तों से ही गुजरना चाहिए ताकि जाम जैसी स्थिति न बने। इससे उन्हें जाम का सामना न करना पड़े। अपने वाहन को निर्धारित जगह पर पार्क करें। ताकि दूसरों को परेशानी न हो। पार्किंग की भी उचित व्यवस्था है।

झिड़ी मेले का यह रहेगा रूट

बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों को एशिया चौक से भगवती नगर पुल सुआ नंबर एक से होते हुए झिड़ी मेले जाना होगा। एसएसपी ट्रैफिक जोगिंद्र सिंह अनुसार स्थानीय बसें, मिन्नी बसें महेशपुरा चौक से चलेंगी। मिश्रीवाला से झिड़ी जाने की अनुमति किसी गाड़ी को नहीं होगी। सभी छोटी गाड़ियों को चक्क मियां से झिड़ी जाना होगा। बड़ी बसें, ट्रक, लोड कैरियर को सुआ नंबर एक से चक्क सूडियां से चक्क क्रांति जाना होगा। किसी भी गाड़ी को निर्धारित पार्किंग स्थल के अलावा कहीं गाड़ी खड़ी करने की अनुमति नहीं है। झिड़ी से मिश्रीवाला एकतरफा यातायात रहेगा। जम्मू-अखनूर रोड के विस्ताररीकरण के चलते ट्रैफिक पुलिस ने जो जरूरी बदलाव किया गया है, उनका अनुपालन जरूरी है।

ठहरने की यह रहेगी व्यवस्था

मेला सचिव राम दित्ता शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर के निकट मेला कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था हायर सेकेंडरी स्कूल में की गई है। इसके अलावा कुछ श्रद्धालु स्वयं ही टेंट लगाकर अपनी व्यवस्था कर रहे हैं। बाहरी राज्यों से आने वाली कुछ बिरादरियों ने यहां सराय भी बनाई हुई हैं। श्रद्धालुओं काे यहां ठहरने की परेशानी नहीं होती। मंदिर के पुजारी परिवार की ओर से भी श्रद्धालुओं के ठहरने की अपने तौर पर अच्छी व्यवस्था की गई है।

एनजीओ, सिविल डिफेंस का रहेगा सहयोग

सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए मंदिर कमेटी सदस्यों, सिविल डिफेंस, स्थानीय युवाओं और दूसरे कई गैर सरकारी संगठन सहयोग कर रहे हैं। बाबा तालाब, मेला स्थल को जोड़ते मार्ग के अलावा सभी सड़क मार्गों और मेला स्थल पर पुलिस के जवान तैनात हैं।

सफाई व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान

मेला स्थल, बाबा तालाब पर सफाई व्यवस्था बनी रहे इसकी विशेष व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर व बाबा तालाब के पास शौचालय बने हैं। पर्यटन विभाग की ओर से टूरिस्ट विलेज के तहत शौचालय व बाथिंग घाट बने हैं। सरकार की ओर से भी करीब 230 शौचालय बनाए गए हैं। कई स्थानों पर अस्थायी शौचालय भी मेले को देखते हुए बनाए गए हैं। स्नान के लिए अधिकतर लोग बाबा तालाब पर जा रहे हैं, जो मंदिर से करीब तीन किलोमीटर दूर है। महिलाओं के स्नान करने के लिए अलग से घाट बनाया है। मंदिर कमेटी ने सभी श्रद्धालुओं से अग्रह किया है कि वे स्वयं भी सफाई व्यवस्था बनाए रखने में सहयेाग करें। खाकर लंगर आयोजकों को सफाई खुद बनाए रखनी होगी।

कई स्थानों पर लंगर की तैयारियां

झिड़ी मेले पर कई बिरादरियों की ओर से कार्तिक पूर्णिमा के दिन खिचड़ी का लंगर लगाया जाएगा। लंगर मंदिर प्रबंधन कमेटी की ओर से पिछले कई वर्षों से लगातार लंगर लगाया जा रहा है। यह लंगर दिन-रात चल रहा है। झिड़ी मेले पर वहां चढ़ाए जाने वाले नए चावलों, माश की खिचड़ी का लंगर भी लगाया जाएगा। बहुत सी बिरादरियों ने अपने खाने की व्यव्स्था स्वयं ही है। बिरादरी के लोग अपने कुल देवता, सत्यावति की पूजा अर्चना कर वहां नया अनाज चढ़ा रहे हैं। पटियाला से बिट्टू के लंगर में हजारों लोगों के खाने की व्यवस्था है।

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