डुग्गर और कश्मीरी कलाकारों ने बिखेरे संस्कृति के रंग

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित जश्न-ए-मौि

By Edited By: Publish:Sat, 07 Apr 2018 03:00 AM (IST) Updated:Sat, 07 Apr 2018 12:56 PM (IST)
डुग्गर और कश्मीरी कलाकारों ने बिखेरे संस्कृति के रंग
डुग्गर और कश्मीरी कलाकारों ने बिखेरे संस्कृति के रंग
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित जश्न-ए-मौसिकी कार्यक्रम के चौथे दिन अभिनव थियेटर, अकादमी परिसर में डोगरा लोक संस्कृति एवं कश्मीरी लोक संस्कृति का संगम देखने को मिला। कश्मीर की आठ पार्टियों ने छक्करी नृत्य पेश किया। हरण, गगैल, गीतडू, कुड नृत्यों की प्रस्तुति ने डुग्गर लोक संस्कृति के रंग बिखेरे। अकादमी परिसर में परगाल की सुदेश देवी एवं साथियों ने डोगरी लोक गीत सुनाए। कटड़ा के कलाकारों ने पवन शास्त्री के नेतृत्व में गगैल नाट्य नृत्य पेश किया। कठुआ के खजूर ¨सह एवं साथियों ने गीतडू पेश कर दर्शकों का मन मोह लिया। शफतान ¨सह एवं साथियों ने कुड नृत्य पेश किया। प्रस्तुति पर दर्शक झूमते दिखे। डंसाल के कृष्ण लाल एवं साथियों ने हरण नृत्य पेश किया। शाह कलंदर फोक थियेटर, बलपोरा, दमोदर फोक थियेटर, बडगाव ने भांड पाथर पेश कर राजनीतिक व्यवस्था पर कटाक्ष किया। अब्दुल रशीद हफीज एवं साथियों, गुलाम अहमद सोफी एवं साथियों, अब्दुल गफ्फार एवं साथियों, बशीर अहमद छारी एवं साथियों, फारूक अहमद गनेई एवं साथियों, गुलजार अहमद गनेई एवं साथियों, मोहम्मद सरवर गुलगामी एवं साथियों, गुलाम हसन अहंगर एवं साथियों ने छक्करी नृत्य पेश कर अपनी कला का कायल किया। छक्करी नृत्य को कृष्ण लंगू ने कम्पोज किया। मंच संचालन अनिल टिक्कू और नेहा रैना ने किया। इस मौके पर अकादमी के सचिव डॉ. अजीज हाजिनी, अतिरिक्त सचिव डॉ. अर¨वद्र ¨सह अमन के अलावा कई गणमान्य लोग मौजूद थे। अकादमी के सचिव ने कहा कि कार्यक्रम का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया है कि पूरे राज्य के कलाकार एक मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। एक दूसरे की लोक संस्कृति को समझें। वहीं अकादमी के अतिरिक्त सचिव डॉ. अर¨वद्र ¨सह अमन सभी कलाकारों से मिले और उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
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