जश्न-ए-डल खेल महोत्सव: तीन वर्ष के ब्रेक के बाद जम्मू- कश्मीर पुलिस का जश्न-ए-डल खेल महोत्सव शुरू

डल में दौड़े शिकारा तीन दिन चलेगा रोमांच का खेल पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने इसका उद्घाटन करते हुए गांदरबल में शहीद पुलिसकर्मी अल्ताफ हुसैन डार को समर्पित किया। दर्शक भी खिलाडि़यों द्वारा एक-दूसरे को पछाड़ने की दौड़ में रोमांच का मजा लेंगे।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 08 Oct 2020 09:55 AM (IST) Updated:Thu, 08 Oct 2020 11:30 AM (IST)
जश्न-ए-डल खेल महोत्सव: तीन वर्ष के ब्रेक के बाद जम्मू- कश्मीर पुलिस का जश्न-ए-डल खेल महोत्सव शुरू
जश्न-ए-डल खेल महोत्सव: डल में दौड़े शिकारा,

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजे हालात के बीच स्थानीय खिलाड़ियों और आम लोगों के मनोरंजन के लिए जश्न-ए-डल खेल महोत्सव रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ शुरू हो गया। शंकराचार्य की पहाड़ी की तलहटी में डल झील के बीच स्थित नेहरू पार्क में शिकारा रेस के साथ इसका आगाज हुआ।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने इसका उद्घाटन करते हुए इसे शहीद पुलिसकर्मी अल्ताफ हुसैन डार को समर्पित किया। अल्ताफ हुसैन मंगलवार की रात को ही गांदरबल में आतंकी हमले में शहीद हुए हैं, लेकिन बलिदान होने से पहले उन्होंने एक आतंकी को मार गिराया।

दिलबाग सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण खेल गतिविधियां लगभग ठप हो चुकी हैं। आम लोगों के मनोरंजन के साधन भी सीमित हो चुके हैं। ऐसे में तीन दिवसीय जश्न-ए-डल लोगों में तनाव को दूर करते हुए उन्हें रोमांच और मनोरंजन की दुनिया में ले जाएगा। उन्होंने प्रदेश में वाटर स्पो‌र्ट्स को लोकप्रिय बनाने में बिलकीस मीर के प्रयासों की प्रशंसा की। जश्न-ए-डल खेल महोत्सव जम्मू कश्मीर पुलिस अपने सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत बीते एक दशक से आयोजित कर रही है। विगत तीन सालों के दौरान किन्हीं कारणों से यह खेल महोत्सव नहीं हो पा रहा था।

दो सौ खिलाड़ी लेंगे हिस्सा

तीन दिन तक चलने वाले इस खेल महोत्सव में करीब 200 स्थानीय खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इस दौरान स्थानीय खिलाड़ी डल की लहरों पर शिकारा रेस, डेम बोट रेस, ड्रैगन बोट रेस, कैनोइंग के अलावा वाटर पोलो व तैराकी में अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। दर्शक भी खिलाडि़यों द्वारा एक-दूसरे को पछाड़ने की दौड़ में रोमांच का मजा लेंगे।

आतंकी हमले में शहीद अल्ताफ को नम आंखों से अंतिम विदाई

मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के नूनार इलाके में आतंकी हमले में शहीद पुलिसकर्मी अल्ताफ हुसैन को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। उनके पार्थिव शरीर को श्रीनगर में उनके पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इससे पहले तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को जिला पुलिस लाइन श्रीनगर लाया गया। यहां पर उन्हें पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह समेत कई पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को श्रीनगर के गंदरपोरा ईदगाह में स्थित पैतृक इलाके में लाया गया। यहां परिवार और उनके रिश्तेदारों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

अल्ताफ ने वर्ष 2011 में पुलिस विभाग में नौकरी की शुरुआत की थी। वर्तमान में वह गांदरबल जिले के नूनार इलाके में भाजपा नेता के अंगरक्षक थे। 

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