जम्मू विश्वविद्यालय में स्टूडेंट यूनियन चुनाव करवाने के मुद्दे ने जोर पकड़ा

जम्मू विश्वविद्यालय में स्टूडेंट यूनियन के चुनाव करवाए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। विश्वविद्यालय में पहली बार वर्ष 2017 में चुनाव हुए थे।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sun, 10 Nov 2019 11:45 AM (IST) Updated:Sun, 10 Nov 2019 11:45 AM (IST)
जम्मू विश्वविद्यालय में स्टूडेंट यूनियन चुनाव करवाने के मुद्दे ने जोर पकड़ा
जम्मू विश्वविद्यालय में स्टूडेंट यूनियन चुनाव करवाने के मुद्दे ने जोर पकड़ा

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू विश्वविद्यालय में स्टूडेंट यूनियन के चुनाव करवाए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। विश्वविद्यालय में पहली बार वर्ष 2017 में चुनाव हुए थे लेकिन कुछ विद्यार्थियों के न्यायालय में चले जाने के बाद परिणाम पर रोक लगा दी गई थी। उसके बाद चुनाव को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई। अब नया अकादमिक सत्र लगते ही एक बार फिर से स्टूडेंट यूनियन के चुनाव के लिए राजनीति गर्माना शुरु हो गई है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समेत अन्य छात्र संगठनों ने इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय में जागरूकता अभियान चलाया है। मामले को डीन स्टूडेंट वेलफेयर के समक्ष भी उठाया गया है। विद्यार्थी मांग कर रहे है कि स्टूडेंट यूनियन के चुनाव आेपन तरीके से करवाए जाएं। डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. जसबीर सिंह ने कहा कि दो वर्ष पहले हुए चुनाव में न्यायालय ने परिणाम घोषित करने पर रोक लगा थी। अब विद्यार्थियों ने इस मामले को उठाया है। हमने इसे विवि के कानूनी सैल के पास पत्र भेज कर इस पहलू पर विचार करने के लिए कहा है कि क्या वर्ष 2017 के चुनाव पर ही रोक लगी थी या पूरी चुनावी प्रक्रिया पर हमेशा के लिए रोक लग गई है। हम कानूनी सलाह ले रहे है। अगर यह पता चलता है कि इस वर्ष चुनाव करवाए जा सकते है तो विश्वविद्यालय को कोई एतराज नहीं है।

विश्वविद्यालय में वर्ष 2017 में ओपन नहीं बल्कि विभागों के आधार पर अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव करवाए गए थे। अब जम्मू विश्वविद्यालय में नए अकादमिक सत्र को लगे हुए दो महीने का समय बीत चुका है। इस बार जम्मू कश्मीर में हालात के मद्देनजर सत्र देरी से लगा था। इसलिए विद्यार्थी मांग कर रहे है कि चुनाव जल्द करवाए जाएं।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सचिव दीपक गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन को सारे पहलुओं पर विचार करने के लिए स्टूडेंट यूनियन के चुनाव करवा देने चाहिए। आगे ही देरी हो चुकी है। विद्यार्थी अपनी समस्याओं को तरीके से वीसी या अन्य अधिकारियों के साथ तरीके से उठा सकें, इसके लिए यूनियन के चुनाव होने जरूरी है।  

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