Jammu News: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रियासी में दरिया चिनाब पर बन रहे रेलवे पुल का किया निरीक्षण

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज रविवार सुबह ऊधमपुर-बनिहाल रेल सेक्शन के बीच जिला रियासी में दरिया चिनाब पर बन रहे रेलवे पुल का निरीक्षण किया। उन्होंने रियासी के वक्कल से डुगा तक दस किलोमीटर ट्राली रन कर ट्रैक का निरीक्षण भी किया।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 26 Mar 2023 12:45 PM (IST) Updated:Sun, 26 Mar 2023 12:45 PM (IST)
Jammu News: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रियासी में दरिया चिनाब पर बन रहे रेलवे पुल का किया निरीक्षण
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रियासी में दरिया चिनाब पर बन रहे रेलवे पुल का किया निरीक्षण

जागरण संवाददाता, जम्मू: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज रविवार सुबह ऊधमपुर-बनिहाल रेल सेक्शन के बीच जिला रियासी में दरिया चिनाब पर बन रहे रेलवे पुल का निरीक्षण किया। उन्होंने रियासी के वक्कल से डुगा तक दस किलोमीटर ट्राली रन कर ट्रैक का निरीक्षण भी किया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह दुनिया सबसे ऊंचा ब्रिज है। इसका ट्राली निरीक्षण हुआ है। इसमें बहुत मेहनत लगी है।

विश्व स्तरीय डिजाइन के फीचर लगे

विश्व स्तरीय डिजाइन के फीचर लगे है। यह पुल 359 मीटर की ऊंचाई का पुल है। इसमें 28 हजार स्टील का उपयोग हुआ है। इसकी बुनियाद आधे फुटबाल फील्ड के बराबर है। चूंकि यह भूकंपीय क्षेत्र है, इसको ध्यान में रखकर स्पेशल रिक्टर स्केल में बुनियाद की डिजाइन की गई है। अगर भूकंप आता है तो जमीन को हिलाने वाली मूवमेंट से बुनियाद को अलग करने वाले बीयरिंग है। इस पुल का कार्य 2005-2006 में शुरु हुआ था। अच्छी प्रगति हुई है।

पहाड़ी इलाकों में हवा की रफ्तार तेज

साल 2014 के बाद डिजाइन में बदलाव के कई फैसले लिए गए। इस पुल के डिजाइन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने कहा था कि अगले सौ साल से अधिक के डिजाइन करो, इसलिए 120 साल के डिजाइन किए गए। पहाड़ी इलाकों में हवा की रफ्तार तेज होती है। उन्होंने कहा कि इस इलाके में विंड स्पीड एक सौ पचास किलोमीटर पता की गई थी।

दुनिया का सबसे ऊंचा पुल

उसी हिसाब से इसका डिजाइन बनाया गया ताकि तेज हवा से पुल को कोई नुकसान न पहुंचे। जैसे ही लाइन चलेगी तो तुरंत बाद बदे इस ट्रेक पर बंदे मातरम ट्रेन चलाई जाएगी। दुनिया का सबसे ऊंचा पुल देश के इंजीनियरिंग के प्रतिभा का दर्शाता है। यह प्रोजेक्ट देश के लिए गौरव की बात है। आत्मनिर्भर भारत का यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2023 पूरा हो जाएगा।

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