कश्मीर में आतंकियों के खात्‍मे की डेडलाइन तय, राष्ट्रीय राइफल्स का मुख्यालय शिफ्ट होगा ऊधमपुर

Elimination OF Terrorism अपने बिलों में छिपने के लिए मजबूर आतंकियों को ढूंढ-ढूंढ कर मारा जा रहा है। कड़ी कार्रवाई से आतंकी तंजीमें और उन्हें शह देने वाले देश के दुश्मन हताश हैं ।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 18 Jul 2019 09:04 AM (IST) Updated:Thu, 18 Jul 2019 01:15 PM (IST)
कश्मीर में आतंकियों के खात्‍मे की डेडलाइन तय, राष्ट्रीय राइफल्स का मुख्यालय शिफ्ट होगा ऊधमपुर
कश्मीर में आतंकियों के खात्‍मे की डेडलाइन तय, राष्ट्रीय राइफल्स का मुख्यालय शिफ्ट होगा ऊधमपुर

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्य में पाकिस्तान की शह पर जारी आतंकवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है। केंद्र सरकार ने आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए निर्णायक प्रहार करने की पूरी तैयारी कर ली है। इस मुहिम के तहत राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के मुख्यालय को दिल्ली से ऊधमपुर शिफ्ट करने की भी तैयारी है।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में सेना और सुरक्षाबलों को एक साल के अंदर आतंकवाद के खात्मे का लक्ष्य दिया गया है। राज्य में आतंकवाद व घुसपैठ को पूरी तरह नकारने के लिए सेना अधिकारियों की संख्या में 20 फीसद बढ़ोत्तरी करने जा रही है। इसके साथ ही सेना के मिलिट्री इंटेलीजेंस, ऑपरेशन व इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर के लिए भी डिप्टी चीफ का एक पद सृजित किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने के साथ घुसपैठ को नाकाम बना रही सेना की उत्तरी कमान का मुख्यालय ऊधमपुर में है। ऊधमपुर से ही आर्मी कमांडर आतंकवाद विरोधी अभियानों को संचालित करते हैं। ऐसे में अब राष्ट्रीय राइफल्स का मुख्यालय भी ऊधमपुर से काम करेगा। इस समय जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की रोमियो फोर्स राजौरी-पुंछ, डेल्टा फोर्स डोडा, किलो फोर्स कुपवाड़ा व विक्टर फोर्स कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे में जुटी हुई है। इन्हें दिल्ली से राष्ट्रीय राइफल्स के डायरेक्टर जनरल संचालित करते हैं।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने दिल्ली में सेना मुख्यालय में तैनात 229 अधिकारियों को विभिन्न जिम्मेदारी के साथ जम्मू-कश्मीर में भेजने की तैयारी की है। उन्हें नियंत्रण रेखा और आतंकवाद ग्रस्त इलाकों में तैनात किया जाएगा। यह आतंकवाद विरोधी अभियानों को कुशल नेतृत्व प्रदान करने की मंशा से किया जा रहा है।

केंद्र सरकार ने देश-विदेश से आतंकियों तक पहुंचने वाले फंड पर भी अंकुश लगाया है, जिससे कश्मीर में सक्रिय आतंकी तंजीमें छटपटा रही हैं। कई देश विरोधी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के साथ अलगाववादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समय जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर कड़े प्रहार जारी हैं। अपने बिलों में छिपने के लिए मजबूर आतंकियों को ढूंढ-ढूंढ कर मारा जा रहा है। कड़ी कार्रवाई से आतंकी तंजीमें और उन्हें शह देने वाले देश के दुश्मन हताश हैं। 

chat bot
आपका साथी