Jammu Kashmir : ...ऐसे में कैसे बनेगी जम्मू कश्मीर पुलिस पारदर्शी, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का नहीं हुआ पालन

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना है कि प्रदेश के 251 पुलिस थानों एवं 88 पुलिस चौकियों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। थानों में ऐसे कैमरे लगाए जाएंगे जिनमें लंबे समय तक रिकार्डिंग सुरक्षित रह सके।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 24 Sep 2022 12:40 PM (IST) Updated:Sat, 24 Sep 2022 12:40 PM (IST)
Jammu Kashmir : ...ऐसे में कैसे बनेगी जम्मू कश्मीर पुलिस पारदर्शी, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का नहीं हुआ पालन
अभी तक सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है।

जम्मू, दिनेश महाजन : पुलिस थानों में आए दिन लोगों को अवैध हिरासत में रखने, रिश्वत मांगने और लोगों से दुर्व्यवहार करने की शिकायतें मिलती रहती हैं। पुलिस विभाग के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की महत्वाकांक्षी योजना बीते कई वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है।

सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्रीय सरकार के अलावा सभी राज्य एवं केन्द्रीय शासित प्रदेशों को उनके पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे ताकि पुलिस को जवाबदेह बनाया जा सके और पुलिस के काम काज में पारदर्शिता आ सके। इसके अलावा पांच सितंबर 2017 को जम्मू-कश्मीर राज्य मानवाधिकार आयोग ने एक फैसले में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को जम्मू कश्मीर के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की हिदायत दी थी। आयोग के सदस्य जंग बहादुर सिंह ने तक के पुलिस महानिदेशक को इस फैसले पर सख्ती से अमल करने को कहा था। लेकिन अभी तक सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है।

टेंडर जारी किया है : पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना है कि प्रदेश के 251 पुलिस थानों एवं 88 पुलिस चौकियों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। थानों में ऐसे कैमरे लगाए जाएंगे जिनमें लंबे समय तक रिकार्डिंग सुरक्षित रह सके। पुलिस थानों में लगने वाले कैमरे हर जिले में बने पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) से संचालित होंगे, जिसकी निगरानी डीएसपी रैंक के अधिकारी के साथ अन्य जवान करेंगे।

पहले भी कैमरे लगाने के लिए जारी हुआ था टेंडर : जम्मू पुलिस ने वर्ष 2019 में तब के 215 पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए टेंडर जारी किया था। तब से अब तक अज्ञात कारणों से कैमरों की खरीद नहीं हो पाई थी। एक बार फिर से जम्मू कश्मीर पुलिस ने वर्षों बाद पुराने टेंडर को रद कर नया टेंडर जारी किया है। जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पुलिस थानों एवं चौकियों में कैमरे लग पाएंगे।

जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में आपराधिक मामलों के वरिष्ठ वकील अमरजीत सिंह का कहना है कि पुलिस थानों में हिरासत में मौत के मामले भी सामने आ चुके हैं। यदि थानों में सीसीटीवी कैमरे लगे होते तो ऐसे मामले काफी हद तक हल हो जाते। इसके साथ ही आपराधिक गतिविधियों पर भी अंकुश लगता। थानों में कैमरे लगने से पुलिस कर्मियों के आम लोगों से बात करने के व्यवहार में भी तबदीली आएगी। मौजूदा समय में आम आदमी पुलिस थाने में जाने से घबराता है। 
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