Jammu Kashmir Panchayat Byelection: पंचायत उपचुनाव टलने से विपक्ष खुश, कहा-दबाव काम में आया

वहीं जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस ने कहा है कि उपराज्यपाल पचों सरपंचों के खाली हल्कों के लिए टाले गए उपचुनाव को जल्द करवाने पर जोर दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 01:02 PM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 01:02 PM (IST)
Jammu Kashmir Panchayat Byelection: पंचायत उपचुनाव टलने से विपक्ष खुश, कहा-दबाव काम में आया
Jammu Kashmir Panchayat Byelection: पंचायत उपचुनाव टलने से विपक्ष खुश, कहा-दबाव काम में आया

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में राजनीतिक आधार पर पंचायत उपचुनाव कराने की अधिसूचना वापस लिए जाने से कांग्रेस, नेकां समेत अन्य सभी विपक्षी दल खुश हैं। विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार पर उनके द्वारा बनाया दबाव काम आया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सुरक्षा मुद्दों का हवाला देकर चुनाव संबंधी अधिसूचनाओं को वापस ले लिया था। अधिसूचना 13 फरवरी को जारी की गई थी।

सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि राज्य सरकार जल्द ही गैर राजनीतिक आधार पर पंचायत उपचुनाव कराने की घोषणा कर देगी। राजनीतिक आधार पर चुनाव कराने का कड़ा विरोध किया जा रहा था, इसलिए कि पिछले साल पंचायत चुनाव गैर राजनीतिक आधार पर कराए थे। पंचायत उपचुनाव की अधिसूचना वापस लिए जाने के आदेश में गृह विभाग के सुरक्षा कारणों का उल्लेख किया था, लेकिन विपक्षी दल यह मान रहे हैं कि उनका दबाव काम आया। सर्वदलीय बैठक में विपक्षी पार्टियों नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी और पैंथर्स ने एक सुर में नेताओं की रिहाई, पाबंदियां हटाने की मांग कर कहा कि जब उनके नेता नजरबंद हैं, कई नेताओं के आने जाने पर पाबंदियां हैं तो फिर चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन कैसे हो सकता है।

विपक्षी दलों ने कहा कि जब पंचायत चुनाव गैर राजनीतिक आधार पर करवाए थे तो अब उपचुनाव राजनीतिक आधार पर कैसे करवाए जा सकते हैं। विपक्षी दलों के कड़े रुख ने भाजपा और सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया कि उपचुनाव जल्दबाजी में करवाने का फैसला सही नहीं था। नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और पैंथर्स ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही कहा कि उनका दबाव काम आया।

नई घोषणा दो से तीन सप्ताह मेंः सूत्र बताते हैं कि उपचुनाव की घोषणा फिर से दो या तीन सप्ताह में हो जाएगी, लेकिन यह पहले की तरह गैर राजनीतिक आधार पर करवाए जा सकते है। इससे समानता बनी रहेगी। विपक्ष को मुद्दा बनाने का मौका नहीं मिलेगा। विपक्षी दलों को कुछ समय मिलेगा जिससे वह लोगों में जाकर अपनी बात रख सकेंगे।

सरकार को गलती अहसासः कांग्रेस और पैंथर्स के नेता जम्मू संभाग में लोगों के बीच आ जा सकते हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान जीए मीर का कहना है कि उन्हें कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। ऐसे में उम्मीदवारों का चयन दूर की बात है। व्नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी का पूरा नेतृत्व नजरबंद है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता र¨वद्र शर्मा ने कहा कि सरकार को अपनी गलती का एहसास हो चुका है। नेकां के रतन लाल गुप्ता का कहना है कि चुनाव के लिए माहौल अनुकूल नहीं था। हमारे नेताओं की रिहाई होनी चाहिए।

उपराज्यपाल जल्द करवाएं पंचायत उपचुनाव

जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस ने कहा है कि उपराज्यपाल पचों, सरपंचों के खाली हल्कों के लिए टाले गए उपचुनाव को जल्द करवाने पर जोर दिया है। पंचायत कांफ्रेंस के प्रधान अनिल शर्मा ने कहा है कि तीन सप्ताह में उप चुनाव करवाने के फैसले पर अमल किया जाए। यहां जारी बयान में कहा कि सुरक्षा कारणों से चुनाव को कुछ देर के लिए टालना सही है। यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि लोगों की बेहतरी के लिए ये उप चुनाव ज्यादा देर तक न टलें। अनिल शर्मा ने स्पष्ट किया है कि चुनाव की घोषणा के बाद हरकत में आई पंचायत कांफ्रेंस ने चुनाव को लेकर ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान को जारी रखेगी। पंचायत उप चुनाव में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी