जमीनों की रजिस्ट्री राजस्व विभाग को सौंपने के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए वकील

जेएंडके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की बैठक बुलाई थी जिसमें उक्त मुद्दों पर चर्चा हुई और सभी ने मिलकर यह फैसला लिया कि आज से अनिश्चितकालीन समय के लिए वर्क सस्पेंड रखा जाए।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 01 Nov 2019 01:18 PM (IST) Updated:Fri, 01 Nov 2019 05:09 PM (IST)
जमीनों की रजिस्ट्री राजस्व विभाग को सौंपने के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए वकील
जमीनों की रजिस्ट्री राजस्व विभाग को सौंपने के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए वकील

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीद-फरोख्त व अन्य दस्तावेज की रजिस्ट्री करने का अधिकार न्यायपालिका से छीनकर राजस्व विभाग को सौंपे जाने के विरोध में वकील आज से अनिश्चितकालीन काम छोड़ हड़ताल पर चले गए हैं। यह फैसला जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के प्रधान अभिनव शर्मा की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में लिया गया। बार ने इस दौरान जानीपुर स्थित हाईकोर्ट परिसर को बाहू क्षेत्र में शिफ्ट करने के प्रस्ताव पर भी एतराज जताया। उन्होंने हड़ताल की घोषणा करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि जब तक उनकी ये दोनों मांगे पूरी नहीं होंगी उनका आंदोलन जारी रहेगा।

अभिनव शर्मा ने कहा कि बार ने आज से आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है और अब आंदोलन निर्णायक अंत तक पहुंचाकर ही वे मानेंगे। शर्मा ने अपनी दूसरी मांग के बारे में बताया कि हाईकोर्ट परिसर को बाहू क्षेत्र में शिफ्ट करने की बात की जा रही है। वह चाहते है कि अगर ऐसा करना भी है तो हाईकोर्ट समेत सभी ट्रिब्यूनल व जिला कोर्ट एक ही परिसर में बनाए जाए ताकि वकीलों को एक जगह से दूसरी जगह न जाना पड़े। सरकार को इन दोनों पर विचार करने के लिए समय दिया गया था परंतु उन्होंने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।

जेएंडके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी कमेटी की आज यहां हुई बैठक बुलाई थी जिसमें उक्त मुद्दों पर चर्चा हुई और सभी ने मिलकर यह फैसला लिया कि आज से अनिश्चितकालीन समय के लिए वर्क सस्पेंड रखा जाए। अभिनव शर्मा ने कहा कि आए दिन राजस्व अधिकारियों द्वारा जमीनों की फर्द-इंतखाब व अन्य जमीनी संबंधी कामों को करने के लिए रिश्वत लेने के मामले सामने आते है। सरकार के इस फैसले से न केवल आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ेगी, बल्कि भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।

शर्मा ने सुझाव दिया कि अगर सरकार फैसले में बदलाव नहीं करना चाहती है तो राजस्व अधिकारियों के लिए कोर्ट परिसर में ही कार्यालय बनाए जाए और वकीलों के सहयोग से ही जमीनी कार्य करवाए जाएं ताकि सरकार का यह फैसला भ्रष्टाचार का स्रोत न बन जाए। एसोसिएशन ने इसके लिए कोर्ट परिसरों में पर्याप्त ढांचा खड़ा करने व अन्य सुविधाएं जुटाने की अपील भी की। कोर्ट शिफ्ट के मुद्दे पर शर्मा ने कहा कि अगर सिर्फ हाईकोर्ट शिफ्ट हुआ तो वकीलों को काफी दिक्कत होगी क्योंकि एक ही दिन में कुछ केसों के लिए वकील जिला कोर्ट में पेश होते है तो कुछ के लिए हाईकोर्ट में। ऐसे में वकीलों के लिए जानीपुर से बाहु क्षेत्र तक पहुंचना संभव नहीं हो पाएगा। अगर हाईकोर्ट शिफ्ट करना इतना जरूरी है तो सभी ट्रिब्यूनल व जिला कोर्ट भी उसके साथ ही शिफ्ट किए जाए। इससे वकीलों के साथ लोगों को भी सुविधा रहेगी।

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