कैसे सुधरेगी स्वास्थ्य विभाग की सेहत

रोहित जंडियाल, जम्मू : स्वास्थ्य विभाग हमेशा सरकार की प्राथमिकता पर रहा है। इसमें सुधार को

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Jan 2018 02:13 AM (IST) Updated:Sat, 13 Jan 2018 02:13 AM (IST)
कैसे सुधरेगी स्वास्थ्य विभाग की सेहत
कैसे सुधरेगी स्वास्थ्य विभाग की सेहत

रोहित जंडियाल, जम्मू : स्वास्थ्य विभाग हमेशा सरकार की प्राथमिकता पर रहा है। इसमें सुधार को लेकर सरकार कभी भी गंभीर नजर नहीं आई। यही कारण है कि राज्य में ग्रास स्टेट डोमेस्टिक प्रोडेक्ट (जीएसडीपी) यानी सकल घरेलू उत्पाद का करीब आधे प्रतिशत ही स्वास्थ्य पर खर्च होता है। राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण सर्वे के अनुसार वर्ष 2016-17 में जम्मू कश्मीर में राज्य सरकार ने जीएसडीपी का मात्र 0.66 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च किया। इससे पहले साल 2015-16 में इससे भी कम 0.52 प्रतिशत और 2014-15 में 0.70 प्रतिशत खर्च हुआ था।

रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार ने साल 2014-15 में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 686.54 करोड़ खर्च किए। वर्ष 2015-16 में 607.93 करोड़ और साल 2016-17 में 839.28 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतना कम खर्च करना यह दर्शाता है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य को लेकर सिर्फ दावे ही करती है। इसे गंभीरता के साथ नहीं लिया जाता है। कांग्रेस विधायक दल के नेता रिगजिन जोरा ने स्वास्थ्य के क्षेत्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

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2607 लोगों के लिए एक स्वास्थ्य केंद्र

राज्य में स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर भी स्थिति अच्छी नहीं है। इस समय राज्य में 2607 लोगों के लिए मात्र एक ही स्वास्थ्य केंद्र है। इससे पहले साल 2015-16 में 2827 लोगों पर एक स्वास्थ्य केंद्र था। 2014-15 में 2760 लोगों के लिए एक स्वास्थ्य केंद्र था। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति खराब है। दूरदराज के क्षेत्रों में कम घनी जनसंख्या होने के कारण दूर-दूर तक मरीजों को इलाज के लिए डाक्टर नहीं मिलते हैं।

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855 लोगों के लिए एक बिस्तर

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 855 लोगों के लिए अस्पतालों में एक बिस्तर है। इसमें बीते दो वर्ष में मामूली सुधार हुआ है। वर्ष 2015-16 में 871 लोगों के लिए एक बिस्तर होता था। इसमें एक समस्या यह है कि शहरी क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में बिस्तरों की भारी कमी बनी हुई है। मेडिकल कॉलेज, एसएमजीएस अस्पतालों में एक-एक बेड पर दो दो मरीज भर्ती होते हैं।

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1880 लोगों के लिए एक डाक्टर

रिपोर्ट के अनुसार राज्य में इस समय 1880 लोगों के लिए एक डॉक्टर है। दूरदराज के क्षेत्रों में तो डॉक्टर नजर ही नहीं ओत हैं। इससे पहले साल 2015-16 में 1947 लोगों के लिए एक डॉक्टर होता था।

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शिक्षा पर 1.99 प्रतिशत खर्च

स्वास्थ्य की तरह ही शिक्षा को भी राज्य सरकार ने अपनी प्राथमिकता पर रखा है। इस क्षेत्र में भी कम ही खर्च होता है। हालांकि स्वास्थ्य की तुलना में करीब चार गुणा अधिक खर्च होता है। शिक्षा पर कुल जीएसडीपी का 1.99 प्रतिशत खर्च किया जाता है।

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