Lumpy Skin disease : किसानों ने दी चेतावनी, कहा-अगर लंपी से हुए नुकसान की भरपाई नहीं हुई तो सड़कों पर उतरेंगे

Lumpy Skin Disease अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में किसानों को आंदोलन के लिए खड़ा होना पड़ेगा। वहीं जम्मू-कश्मीर डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन के प्रधान कुलभूषण खजुरिया ने कहा कि हम सरकार को अवगत करवा चुके हैं कि किसान घाटे में है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Sep 2022 01:44 PM (IST) Updated:Mon, 26 Sep 2022 01:44 PM (IST)
Lumpy Skin disease : किसानों ने दी चेतावनी, कहा-अगर लंपी से हुए नुकसान की भरपाई नहीं हुई तो सड़कों पर उतरेंगे
डेयरी सेक्टर जितना आगे था, आज बीमारी की वजह से पीछे आ चुका है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : बीते तीन माह में लंपी स्किन डिसीज ने जम्मू के किसानों को मोटा नुकसान पहुंचाया। खासकर उन किसानों को जिनके मवेशी इस बीमारी के कारण मारे गए। लेकिन सरकार मुआवजा देने की कोई बात फिलहाल नहीं कर रही। हालांकि पंजाब सरकार ने इस दिशा में कुछ हलचल की है।

इससे जम्मू के किसान भी एकजुट होने लगे हैं और जम्मू-कश्मीर सरकार पर दवाब बनाने लगे हैं कि प्रभावित किसानों को राहत देने के बारे में सोचा जाए। हाल ही में किसान सलाहकार बोर्ड की बैठक में जम्मू के किसानों ने सरकार का ध्यान खींचा कि लंपी स्किन डिसीज के कारण किसानों को मोटा नुकसान हो चुका है। मेहनतकश किसान घाटे में आ चुके हैं। सरकार को चाहिए कि अन्य फंडस से कुछ हिस्सा काटकर किसानों को मुआवजे के तौर पर दिया जाए। क्योंकि इस बीमारी के कारण डेयरी सेक्टर काफी पीछे चला गया है।

अब जम्मू के किसान पूरे मामले को लेकर एकजुट होने लगे हैं। उनका कहना है कि सरकार ऐसे ही पीछे नहीं हट सकती। छोटी छोटी डेयरी लगाने वाला किसान जिसने कर्ज लेकर काम शुरू किया, कैसे दोबारा खड़ा हो पाएगा। संग्रामपुर के किसान अश्विनी कुमार का कहना है कि उनके गांव में भी किसानों को काफी नुकसान हुआ। कई किसानों के माल मवेशी इस बीमारी में मारे गए। हर किसान को मवेशियों की दवा पर मोटा खर्च वहन करना पड़ा। लेकिन आज इन किसानों का कोई हाथ नहीं पकड़ रहा।

अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में किसानों को आंदोलन के लिए खड़ा होना पड़ेगा। वहीं जम्मू-कश्मीर डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन के प्रधान कुलभूषण खजुरिया ने कहा कि हम सरकार को अवगत करवा चुके हैं कि किसान घाटे में है। डेयरी सेक्टर जितना आगे था, आज बीमारी की वजह से पीछे आ चुका है।

इस संकट में किसानों को सहारा नहीं दिया जाएगा तो डेयरी में प्रगति नहीं हो पाएगी। किसानों का मनोबल टूट जाएगा। इसलिए सरकार को मुआवजे के बारे में सोचना चाहिए। 

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