Bhartendu Natya Utsav: सामाजिक गुंडागर्दी से प्रभावित रिश्तों पर आधारित जम्मू नाटक 'अर्धकाव्य' ने छाप छोड़ी

नई दिल्ली में प्रसिद्ध थिएटर निर्देशक और जम्मू की बेटी काजल सूरी ने अपने समूह रूबरू के तहत नाटक का निर्देशन किया और मालती सिन्हा का महत्वपूर्ण केंद्रीय चरित्र भी निभाया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 19 Dec 2019 06:00 PM (IST) Updated:Thu, 19 Dec 2019 06:00 PM (IST)
Bhartendu Natya Utsav: सामाजिक गुंडागर्दी से प्रभावित रिश्तों पर आधारित जम्मू नाटक 'अर्धकाव्य' ने छाप छोड़ी
Bhartendu Natya Utsav: सामाजिक गुंडागर्दी से प्रभावित रिश्तों पर आधारित जम्मू नाटक 'अर्धकाव्य' ने छाप छोड़ी

जम्मू, जागरण संवाददाता। भारतेन्दु नाट्योत्सव में विक्रम शर्मा द्वारा लिखित एवं काजल सूरी के निर्देशन में मंचित नाटक अर्धकाव्य दर्शकों में छाप छोड़ने में सफल रहा। रूबरू ग्रुप की ओर से मंचित इस नाटक की प्रस्तुति में निर्देशक की सूझबूझ ने नाटक को जीवंत किया। सफल मंचन का दर्शकों ने खड़े होकर अभिवादन किया।

प्रस्तुति के लिए साहित्य कला परिषद द्वारा छह सर्वश्रेष्ठ नाटकों को शॉर्टलिस्ट किया गया था। जिसमें विक्रम शर्मा के नाटक अर्धकाव्य को रुबरू नाट्य संस्था के माध्यम से करने काे मंजूरी मिली। विक्रम जम्मू के एक मात्र लेखक रहे। जिनका नाटक मंचित किया गया।

नई दिल्ली में प्रसिद्ध थिएटर निर्देशक और जम्मू की बेटी काजल सूरी ने अपने समूह रूबरू के तहत नाटक का निर्देशन किया और मालती सिन्हा का महत्वपूर्ण केंद्रीय चरित्र भी निभाया। मंच पर गौरव देवगुण ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी। खासकर बाडी लैंग्वेज और डायलॉग डिलीवरी का तालमेल उनकी भूमिका को मजबूती प्रदान करने वाला था। दिव्य सिन्हा के रूप में धर्मपाल सिन्हा और दीक्षा शर्मा के रूप में राजीव मैनी दोनों दिल्ली से क्लासिक तत्वों के उत्कृष्ट संयोजन के साथ शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।

सामाजिक गुंडागर्दी से प्रभावित रिश्तों पर आधारित एक कहानी, अर्धकाव्य कुछ परिस्थितिजन्य कारणों से मानव भेद्यता का विशिष्ट चित्रण करता है जो मनुष्य को बहुआयामी पहचानों के लिए मजबूर करने के लिए मजबूर करता है। नाटक हानिकारक घटक को उजागर करता है जो प्रेम-घृणा संबंध में बंधे चार परिवार को बर्बाद करता है।

अद्भुत रूप से हाइलाइट किए गए सेट और बैकग्राउंड मास्क पहने हुए एक गुड़िया हाउस जो ढीले लटके हुए थे, ने प्रस्तुति को एक उत्साहजनक स्थिति दी। सुनील चौहान द्वारा की की गई लाइट डिजाइनिंग भी नाटक की पूरक दिखी। विक्रम शर्मा ने कहा कि नाटक को निर्देशक काजल सूरी ने अपनी सूझबूझ से शिखर पर पंहुचाने का कार्य किया है। वह नाटक को जिस तरह की ट्रीटमेंट चाहते थे, वहीं मिली है। इस सफलता से काफी प्रोत्साहन मिला है। वह चाहेंगे कि जल्द कोई और अच्छा नाटक दर्शकों तक पहुंचे।

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