Jammu : कोर्ट ने JPDCL चीफ इंजीनियर से पूछा, आदेश का पालन न करने पर उन्हें हिरासत में क्यों न भेजा जाए

वहीं एक अन्य मामले में चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट जम्मू ने डिप्टी कमिश्नर को प्रीमियर होटल के मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश सोनी की संपत्ति अटैच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने संपत्ति अटैच कर अगली सुनवाई तक रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 11:41 AM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 02:39 PM (IST)
Jammu : कोर्ट ने JPDCL चीफ इंजीनियर से पूछा, आदेश का पालन न करने पर उन्हें हिरासत में क्यों न भेजा जाए
इन 12 सालों में याचिकाकर्ता ने कई बार कोर्ट के आदेश का हवाला दिया।

जम्मू, जागरण संवाददाता: चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट जम्मू ने पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि वो बताए कि उन्हें कोर्ट के आदेश का पालन न किए जाने की सूरत में हिरासत में क्यों न भेजा जाए। कोर्ट ने इस आदेश की कापी पीडीडी के चीफ इंजीनियर व जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी को भेजने का निर्देश भी दिया ताकि वह भी इस लापरवाही का संज्ञान ले सके।

दरअसल मामला कुछ इस तरह हैं कि याचिकाकर्ता ने करीब 12 साल पहले उसके घर के बाहर लगाए गए बिजली केे खम्भों को हटाने के लिए विभाग से कहा था। विभाग ने जब उसकी बात नहीं मानी तो उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने भी याचिकाकर्ता की शिकायत को सही पाते हुए विभाग को तुरंत खम्भे हटाने के आदेश दिए।

हद तो यह है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी चीफ इंजीनियर ने उन खम्भों को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। इन 12 सालों में याचिकाकर्ता ने कई बार कोर्ट के आदेश का हवाला दिया। यही नहीं कोर्ट ने भी विभाग के चीफ इंजीनियर को इस मामले में कई बार मोहलत दी लेकिन चीफ इंजीनियर कार्यालय ने कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया और आदेश का पालन करवाने की दिशा में इन 12 सालों में कोई कदम नहीं उठाया। यही वजह है कि चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट ने चीफ इंजीनियर को नोटिस जारी कर सख्त लहजे में इस लापरवाही के पीछे के कारणों के बारे में पूछते हुए जल्द जवाब मांगा।

प्रीमियर होटल के एमडी की संपत्ति अटैच करने के निर्देश : चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट जम्मू ने डिप्टी कमिश्नर को प्रीमियर होटल के मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश सोनी की संपत्ति अटैच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने संपत्ति अटैच कर अगली सुनवाई तक रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा गया कि अगर संपत्ति अटैच किए जाने से पूर्व आरोपित 68,460 रुपये जमा करवा देता है तो यह राशि याचिकाकर्ता को दी जाए। कोर्ट ने जिया लाल की ओर से दायर याचिका में सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिए। केस के मुताबिक 31 जनवरी 2015 को असिस्टेंट लेबर कमिश्नर ने वेजिस एक्ट के तहत होटल के एमडी को 68,460 रुपये का भुगतान याचिकाकर्ता को करने का निर्देश दिया था लेकिन उसने भुगतान नहीं किया। एमडी को तीस दिन के भीतर यह भुगतान करना था लेकिन भुगतान न किए जाने से आहत जिया लाल ने कोर्ट में याचिका दायर की।

अविश्वास प्रस्ताव खारिज : स्पेशल ट्रिब्यूनल जम्मू ने कठुआ म्यूनिसिपल कारपोरेशन के प्रधान नरेश शर्मा व उप-प्रधान रेखा कुमारी के खिलाफ लाए जा रहे दूसरे अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। दोनों ने इस अविश्वास प्रस्ताव को कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने पाया कि कानून के तहत एक साल के भीतर दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। इस मामले में एक महीने के भीतर दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है जिसे सहीं नहीं ठहराया जा सकता।

मोबाइल टावर हटाने की मांग खारिज : हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने मोहम्मद हबीब की उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कारगिल के बटालिक में बीएसएनएल की ओर से लगाए गए मोबाइल टावर को हटाने की मांग की थी। मोबाइल टावर को किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा था कि यह टावर स्वास्थ्य केंद्र के निकट स्थापित किया गया है जोकि उचित नहीं। उन्हाेंने कहा कि टावर लगाने से पहले बीएसएनएल ने क्षेत्रीय लोगों से एनओसी भी नहीं ली। मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने पाया टावर लगाते समय सभी प्रावधानाें का पालन किया गया है, लिहाजा इसे हटाने के निर्देश नहीं दिए जा सकते। 

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