जम्मू-कश्मीर प्रशासन 37 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करेगा, मिलेंगा दो लाख को रोजगार

फरवरी माह के दौरान भी नए औद्योगिक क्षेत्रों को मंजूरी दी गई हैलेकिन वह कश्मीर घाटी मं ही हैं। उनमें जम्मू प्रांत काजिला उधमपुर भी शामिल था।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 25 Jul 2020 11:35 AM (IST) Updated:Sat, 25 Jul 2020 02:33 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर प्रशासन 37 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करेगा, मिलेंगा दो लाख को रोजगार
जम्मू-कश्मीर प्रशासन 37 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करेगा, मिलेंगा दो लाख को रोजगार

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए प्रदेश प्रशासन 37 नए औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने जा रहा है। इन क्षेत्रों में स्थापित होने वाली इकाइयों में अगले तीन साल तक करीब 24 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व करीब सवा दो लाख लोगों को परोक्ष रोजगार मिलेगा। प्राथमिकता खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और प्रदूषण मुक्त इकाइयों को मिलेगी। कोई भी खतरनाक रसायन तैयार करने वाली इकाई नहीं लगायी जाएगी।

उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने देर रात गए दैनिक जागरण के साथ बातचीत में बताया कि उपराज्यपाल जीसी मुर्मु की अध्यक्षता में प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में जिन 37 नए औद्योगिक क्षेत्रों को मंजूर किया गया है, उनमें से अधिकांश जम्मू प्रांत में ही हैं,लेेकिन जम्मू और सांबा को प्राथमिकता नहीं है।

यह सभी औद्योगिक क्षेत्र रामबन, डोडा, किश्तवाड़, कठुआ, राजौरी-पुंछ, रियासी व उधमपुर जिले में स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव काफी समय से लंबित पड़ा हुआ था। फरवरी माह के दौरान भी नए औद्योगिक क्षेत्रों को मंजूरी दी गई है,लेकिन वह कश्मीर घाटी मं ही हैं। उनमें जम्मू प्रांत काजिला उधमपुर भी शामिल था। 

उन्होंने कहा कि हमने औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए प्रत्येक जिल में जमीन को चिन्हित किया है। हम स्थानीय स्तर पर और देश विदेश के उद्यमियों को इन नए औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेंंगे। हमारा प्रयास रहेगा कि जिस भी औद्योगिक क्षेत्र में कोई कारखाना लगे, वह स्थानीय पर्यावरण के अनुकूल हो। उसके लिए उसी जिले में या उसके किसी नजदीक के क्षेत्र में कच्चा माल उपलब्ध होने के अलावा उसमें तैयार होने वाले सामान की खपत भी हो।

उसके लिए स्थानीय स्तर पर कुशल श्रमिक भी मिलें। इसके अलावा हम खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर भी जोर देंगे, क्योंकि जम्मू कश्मीर में इस तरह की इकाईयां बहुत कम हैं। यहां सेब, अखरोट, बादाम, केसर, जड़ी-बूटियां, डेयरी, अर्क से जुड़ी इकाइयों के लिए खूब संभावना है। हम उन उद्योग पर भी काम कर रह हैं। उन्होंने कहा यहां ग्रीन एनर्जी से जुड़ी इकाइयां भी लगायी जाएंगी। सूचना प्रौद्योगिकी पर भी ध्यान दियाजाएगा। मनोज द्विवेदी ने बताया कि भारत सरकार भी एक औद्योगिक नीति पर काम कर रही है। वह जल्द ही सार्वजनिक होगी। हम उसके आधार पर इन क्षेत्रों को विकसित करेंगे।

इस बीच, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आज मंजूर किए गए औद्योगिक क्षेत्रों मेंअगले तीन सालों के दौरान 24 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। करीब सवा दो लाख लोग परोक्ष रुप से रोजगार कमाएंग। इससे पूरे जम्मू प्रांत में औद्योगिक विकास क साथ साथ आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ेंगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए बिजली, पानी और सड़क जरुरी है, इसलिए संबधित क्षेत्रों में इन सुविधाओं का भी विकास होगा। इन इकाइयों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार को भी सुनिश्चित बनाने का प्रावधान रखा गया है।

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