जम्मू-कश्मीर: विवादों में पड़ी 102 व 108 एंबुलेंस सेवा

राज्य में दो साल बाद शुरू होने जा रही एंबुलेंस सेवा 102 और 108 विवादों में पड़ गई है। कंपनी ने की शिकायत टेंडर की शर्तो में नियमों के उल्लंघन का आरोप-वर्ष 2018 में निकला था टेंडर।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 25 Nov 2019 09:58 AM (IST) Updated:Mon, 25 Nov 2019 03:54 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर: विवादों में पड़ी 102 व 108 एंबुलेंस सेवा
जम्मू-कश्मीर: विवादों में पड़ी 102 व 108 एंबुलेंस सेवा

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्य में दो साल बाद शुरू होने जा रही एंबुलेंस सेवा 102 और 108 विवादों में पड़ गई है। इन एंबुलेंसों में उपकरण लगाने का दावा करने वाली कंपनी ने शिकायत दर्ज की है कि टेंडर शर्तो में नियमों का उल्लंघन हुआ है। एंबुलेंसों में उपकरण लगाने वाली कंपनी को ही बदल दिया गया है। कंपनी ने स्वास्थ्य विभाग के वित्तीय आयुक्त से लेकर डायरेक्टर विजिलेंस तक शिकायत की है।

जम्मू कश्मीर मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन ने वर्ष 2018 में जम्मू कश्मीर में एंबुलेंस सेवा 102 व 108 को शुरू करने के लिए टेंडर निकाला था। यह टेंडर पुणे की कंपनी मैसर्स बीवीजी को मिला। इस साल अक्टूबर में इस कंपनी का सहमति पत्र पर हस्ताक्षर (एमओयू) नेशनल हेल्थ मिशन जम्मू कश्मीर के साथ हुआ। इस कंपनी को दोनों ही एंबुलेंस सेवा जम्मू कश्मीर में चलाने का जिम्मा सौंपा गया। कंपनी ने जो टेंडर भरा था, उसमें तकनीकी सहयोगी दिल्ली की कंपनी मैसर्स एमजीएम को बनाया। इस कंपनी के प्रमाणपत्र टेंडर डॉक्यूमेंट में भी लगाए गए हैं।

कंपनी को कुल 116 एंबुलेसों में अपने उपकरण लगाने थे। इनमें 50 बेसिक लाइफ सपोर्ट और अन्य एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं। अब मैसर्स एमजीएम कंपनी का आरोप है कि जो भी उपकरण इन एंबुलेंस में लगाए जा रहे हैं, उसमें उन्हें बाहर कर दिया गया है। मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक के नाम लिखी शिकायत में कंपनी ने आरोप लगाया है कि टेंडर दो कंपनियों को मिला था। नेशनल एंबुलेंस कोड के अनुसार इन एंबुलेंसों में उपकरण लगाने का काम उनकी कंपनी को करना था, लेकिन अब जो भी उपकरण इन एंबुलेंसों में लगाए जा रहे हैं, वे उन मॉडल के नहीं हैं जो टेंडर और एमओयू के दौरान बताए गए थे। उनकी कंपनी को इस पूरी प्रक्रिया में शामिल ही नहीं किया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि मैसर्स बीवीजी इंडिया लिमिटेड ने कमाई करने के लिए इन एंबुलेंसों में सब स्टैंडर्ड उपकरण लगाए हैं। उन्होंने इसकी जांच करवाने के लिए कहा है। यह शिकायत कंपनी ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त, डायरेक्टर विजिलेंस, डायरेक्टर हेल्थ जम्मू कश्मीर, नेशनल हेल्थ मिशन जम्मू कश्मीर और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भी की है। इस बारे में जम्मू कश्मीर मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि यह एक तकनीकी मामला है। इसे देखा जाएगा।

यह उपकरण लगाने हैं

कंपनी को बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस में हर्सिल ऑक्सीजन सिलेंडर, स्कूप स्ट्रेचर, स्पाइन बोर्ड, व्हील चेयर, न्यूबलाइजर मशीन, सक्शन हैंड हेल्ड, एसी सक्शन, सक्शन फूट आपरेटेड, पल्स ऑक्सीमीटर व ग्लूकोमीटर लगाने थे। एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस में ट्रांसपोर्ट वेंटीलेटर, मोनीटर डिफैब्रिलेटर, ऑक्सीजन सिस्टम, आटो लो¨डग स्ट्रेचर, स्कूप स्ट्रेचर, स्पाइन बोर्ड, व्हील चेयर, सीरिंज पंप व ग्लूकोमीटर प्रमुख हैं। यह सभी मशीनें अलग-अलग कंपनियों और मॉडल की बनाई गई हैं। अब आरोप है कि टेंडर में जिन कंपनियों के नाम हैं, उनके उपकरण नहीं लगाए जा रहे हैं। 

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