जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में 4 मार्च तक फिर लगा इंटरनेट पर प्रतिबंध, कहा-वीपीएन का हो रहा था दुरूपयोग

प्रमुख सचिव शालीन काबरा ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि कश्मीर घाटी के कुछ क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट को सीमित अवधि के लिए बंद किया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 25 Feb 2020 12:26 PM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 02:08 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में 4 मार्च तक फिर लगा इंटरनेट पर प्रतिबंध, कहा-वीपीएन का हो रहा था दुरूपयोग
जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में 4 मार्च तक फिर लगा इंटरनेट पर प्रतिबंध, कहा-वीपीएन का हो रहा था दुरूपयोग

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट शुरू होते ही वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के माध्यम से सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए प्रशासन ने एक बार फिर घाटी के कुछ इलाकों में 4 मार्च तक इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कहना है कि वीपीएन का दुरुपयोग राष्ट्रविरोधी तत्व धड़ल्ले से कर रहे हैं और इससे घाटी में अशांति फैलने व आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस को ऐसे सबूत भी मिली हैं कि आतंकवादी अपनी गतिविधियों की योजना बनाने के लिए वीपीएन के जरिए ओवरग्राउंड वर्करों से लगातार संपर्क बना रहे हैं। इन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ही प्रशासन ने घाटी के कई इलाकों में इंटरनेट पर एक बार फिर प्रतिबंध लागू कर दिया है।

प्रमुख सचिव शालीन काबरा ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि कश्मीर घाटी के कुछ क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट को सीमित अवधि के लिए बंद किया जा रहा है। ऐसा देखने में आया है कि घाटी में इंटरनेट सुविधा बहाल होते ही पिछले सप्ताह के दौरान आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि हुई है। पुलिस को ऐसे सबूत भी मिले हैं कि आतंकवादी संगठन, राष्ट्र विरोधी तत्व वीपीएन की मदद से अशांति फैलाने के प्रयास में हैं। लोगों की सुरक्षा, घाटी में सामान्य होते हालात को देखते हुए यह सुविधा सीमित समय के लिए निलंबित करने का फैसला लिया गया।

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने यह फैसला राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया है। इसी के साथ उन्होंने आइजीपी जम्मू व श्रीनगर को भी निर्देश दिए कि वह इस आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू करवाएं।

वहीं पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में कई जगहों पर बीएसएनएल ब्राॅडबैंड के जरिए वाईफाई का भी दुरूपयोग हो रहा है। यही वजह है कि वहां ब्रॉडबैंड भी बंद कर दिए गए हैं। हालांकि बीएसएनएल को यह कहा गया है कि वह कश्मीर घाटी में अपनी ब्रॉडबैंड सेवाओं को फिर से शुरू कर सकता है अगर वह सोशल मीडिया को रोकने के लिए फायरवॉल स्थापित करता है। प्रशासन बस यही चाहता है कि कोई भी राष्ट्रविरोधी तत्व इंटरनेट का इस्तेमाल हिंसा भड़काने या फिर अफवाहें फैलाने के लिए न करे, जैसा की पहले होता आया है।

वहीं मोबाइल कंपनियों के सूत्रों ने कहा कि कश्मीर घाटी में इंटरनेट सेवाओं को बहुत जल्द बहाल कर दिया जाएगा। फायरवॉल को स्थापित किया गया है और इस समय परीक्षण भी चल रहा है। जब यह यकीनी हो जाएगा कि फायरवॉल स्थापित होने के बाद इंटरनेट के जरिए किसी तरह का भी दुष्प्रचार नहीं हो पाएगा, सेवाओं को बहाल कर दिया जाएगा।

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