Jammu Kashmir : अब हार नहीं मानते एड्स मरीज, एक साल में 65 एड्स मरीजों की ही मौत-पहले दोगुना होता था आकंड़ा

अब तीन से साढ़े तीन सौ के बीच ही मरीज आ रहे हैं। ढाई दशकों में एड्स के मरीजों को लेकर अच्छी बात यह है कि इलाज करवाने अब पहले से अधिक मरीज एंटी रेटरो वायरल सेंटरों में आ रहे हैं। इस समय 3313 मरीजों का इलाज चल रहा है।

By rohit jandiyalEdited By: Publish:Tue, 29 Nov 2022 07:20 AM (IST) Updated:Tue, 29 Nov 2022 01:14 PM (IST)
Jammu Kashmir : अब हार नहीं मानते एड्स मरीज, एक साल में 65 एड्स मरीजों की ही मौत-पहले दोगुना होता था आकंड़ा
जम्मू-कश्मीर में तीन एंटी रेटरो वायरल सेंटर हैं जिनमें इन मरीजों का इलाज चल रहा है।

जम्मू, रोहित जंडियाल : एड्स से बचाव के लिए लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों का अब असर नजर आने लगा है। कुछ वर्ष में अब एड्स के मरीजों की संख्या अब पहले की अपेक्षा कम बढ़ रही है। यही नहीं मृतकों का आंकड़ा भी कम हुआ है। इलाज बीच में छोड़ देने वाले मरीज ही अधिक दम तोड़ रहे हैं। पिछले एक साल में 65 मरीजों की ही मौत हुई है। जबकि पहले इससे दोगुनी थी।

जम्मू-कश्मीर एड्स नियंत्रण सोसायटी के आंकड़ों के अनुसार अभी तक जम्मू-कश्मीर में कुल 5896 लोग एचआइवी पाजिटिव हुए हैं। इनमें से 1332 मरीजों की अभी तक मौत हो चुकी है। मृतकों में 63 बच्चे शामिल हैं जिनकी उम्र 15 वर्ष से भी कम थी। कुछ वर्ष पहले तक जहां 80 से 90 मरीजों की एक वर्ष में मौत हो जाती थी। इस वर्ष 65 मरीजों की ही मौत हुई है। यही नहीं वर्ष 2005 से 2015 के बीच हर वर्ष औसतन चार सौ से अधिक नए मरीज आते थे। अब इनकी संख्या भी कम हुई है।

अब तीन से साढ़े तीन सौ के बीच ही मरीज आ रहे हैं। ढाई दशकों में एड्स के मरीजों को लेकर अच्छी बात यह है कि इलाज करवाने अब पहले से अधिक मरीज एंटी रेटरो वायरल सेंटरों में आ रहे हैं। इस समय तीन सेंटरों में 3313 मरीजों का इलाज चल रहा है। जीएमसी जम्मू के सेंटर में 2625, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल साइंसेज सौरा में 419 और राजकीय मेडिकल कालेज कठुआ में 269 का इलाज चल रहा है।

तीन एंटी रेटरो वायरल सेंटर : जम्मू-कश्मीर में तीन एंटी रेटरो वायरल सेंटर हैं जिनमें इन मरीजों का इलाज चल रहा है। राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में बने एंटी रेटरो वायरल सेंटर में सबसे अधिक 4900 मरीजों का पंजीकरण हुआ है। इसी सेंटर में आने वाले मरीजों की सबसे अधिक मौत भी हुई है। इस सेंटर में 1172 मरीजों की मौत हुई है। इनमें 802 पुरुष, 313 महिलाएं, दो ट्रांसजेंडर और 55 बच्चे शामिल हैं। इसी तरह मेडिकल कालेज कठुआ के एंटी रेटरो वायरल सेंटर में कुल 290 मरीजों का पंजीकरण हुआ है। इनमें 18 की मौत हुई है। मरने वालों में दस पुरुष, छह महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं। इसी तरह कश्मीर में शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल सांइसेस सौरा में स्थित एंटी रेटरो वायरल सेंटर में 703 मरीजों का पंजीकरण हुआ है। इनमें 142 की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 107 पुरुष, 26 महिलाएं, तीन ट्रांसजेंडर और छह बच्चे शामिल हैं।

कई मरीज बीच में ही इलाज छोड़ देते : एंड़स कंट्रोल सोसायटी के पदाधिकारियों का कहना है कि कई मरीज बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं। इन मरीजों का पता लगाया जाता है लेकिन कई बार उनके पते भी गलत होते हैं। कई बार समय पर सेंटर में न आने के कारण भी इन मरीजों की मौत हो जाती है। लगातार इलाज करवाने वालों की अब उम्र भी लंबी हो रही है। गत एक वर्ष में 65 मरीजों की ही मौत हुई है। 362 नए मामले आए हैं। पीड़ितों में 65 प्रतिशत पुरुष और 35 फीसद महिलाएं हैं। पीड़ितों में सबसे अधिक संख्या ट्रक चालकों की है। सुरक्षाबलों में भी कई मामले देखने को मिलते हैं।

पुरुष अधिक जागरूक : नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार जम्मू-कश्मीर में पुरुष एड्स के बारे में महिलाओं की अपेक्षा अधिक जागरूक है। 83.7 प्रतिशत पुरुषों को यह जानकारी है कि एड्स से किस तरह से बचा जा सकता है। ऐसी महिलाओं की संख्या 68.5 प्रतिशत ही है। एड्स के बारे में विस्तृत जानकारी बहुत कम लोगों को है। 24.6 प्रतिशत पुरुषों और 18.9 प्रतिशत महिलाओं को इसकी पूरी तरह से जानकारी है। शहरी क्षेत्रों में 17.4 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 15.2 प्रतिशत महिलाओं को जानकारी है। पुरुषों में 27.3 प्रतिशत शहरी और 36 प्रतिशत ग्रामीणों को एड्स के बारे में विस्तृत जानकारी है।

लगातार चल रहा अभियान : जम्मू-कश्मीर एड्स कंट्रोल सोसायटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डा. समीर मट्टू के अनुसार पूरे प्रदेश में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया के अतिरिक्त मरीजों को सीधे लक्षित करके भी जागरूक किया जाता है। गैर सरकारी संगठनों का भी इसमें सहयोग लिया जाता है। उन्हें यह बताया जाता है कि किस प्रकार से एड्स से बचा जा सकता है। 

chat bot
आपका साथी