खोखला हो रहा माता वैष्णो देवी का त्रिकुटा पर्वत, खनन माफिया लगा रहा सेंध

खनन माफिया ने जियोलॉजी एंड माइनिंग विभाग की मिलीभगत से करीब 40 किलोमीटर में पारिस्थितिक संतुलन को बिगाड़ दिया है। रियासी में नदी-नालों में हो रहे अवैध खनन से पहाड़ दरकने लगे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 29 Oct 2018 12:04 PM (IST) Updated:Mon, 29 Oct 2018 12:04 PM (IST)
खोखला हो रहा माता वैष्णो देवी का त्रिकुटा पर्वत, खनन माफिया लगा रहा सेंध
खोखला हो रहा माता वैष्णो देवी का त्रिकुटा पर्वत, खनन माफिया लगा रहा सेंध

जम्मू, अवधेश चौहान। दुनिया भर में आस्था का प्रतीक माता वैष्णो देवी का जम्मू के कटड़ा स्थित पवित्र त्रिकुटा पहाड़ अवैध खनन के चलते खोखला हो रहा है। क्षेत्र में सक्रिय खनन माफिया अपनी जेबें भरने के लिए त्रिकुटा पर्वत श्रृंखला के आसपास नदी-नालों से चोरी छिपे व नियमों का उल्लंघन कर रेत-बजरी निकाल रहा है। हालत यह हो चुकी है कि खनन कर रहे खनन माफिया ने जियोलॉजी एंड माइनिंग विभाग की मिलीभगत से करीब 40 किलोमीटर में पारिस्थितिक संतुलन को बिगाड़ दिया है। जम्मू संभाग के रियासी में नदी व नालों में हो रहे अवैध खनन से पहाड़ दरकने लगे हैं। नदी-नालों में जेसीबी मशीन से खोदाई और क्रशरों से रेत और बजरी बनाने का गोरखधंधा कोई नया नहीं है। यही वजह है कि पिछले कई वर्षो से हिमालय के फुट हिल्स कहे जाने वाले पहाड़ दरकने लगे हैं।

जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने भारी भरकम क्रशर मशीन और बुलडोजरों के नदी में जाने पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद इनके नदी व नालों में इस्तेमाल ने पहाड़ों की वास्तविक स्थिति बदल दी है। कटड़ा, रियासी और जम्मू के लिए लंग्ज कहे जाने वाले इन पहाड़ों पर पेड़ सूखने लगे हैं। नदियों के अंदर जीव-जंतु और मछलियों का जीवन संकट में है। जमीन धंसने के कारण सैकड़ों साल पुराने चीड़ के पेड़ सूख रहे हैं। जेसीबी मशीन के अलावा क्रशर, बुलडोजर और टिप्परों का धुआं पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। रियासी जिले में बहने वाले अंजी नाले में जियोलॉजी एंड माइनिंग विभाग ने खनन के लिए ब्लॉक तो बनाए हैं, लेकिन वहां खोदाई में लगे खनन माफिया नियमों को ताक पर रख अवैध खनन में जुटे हुए हैं।

रियासी के डिस्ट्रिक्ट एंड माइनिंग ऑफिसर अंकुर शर्मा का कहना है कि निर्धारित ब्लॉक में ही खनन की अनुमति है। सड़क के साथ और पुलों के 500 मीटर दूरी पर खोदाई की अनुमति नहीं है। सड़क के नीचे किसी भी नदी-नाले में 500 मीटर नीचे खोदाई नहीं हो सकती इसके बावजूद खनन माफिया नियमों और निर्धारित ब्लॉक की अनदेखी कर अंजी नाले में नीचे खोदाई कर रहे हैं। यही हाल चिनाब नदी का भी है, जहां पर क्रशर मशीनें धड़ल्ले से चल रही हैं।

भूकंपीय जोन में है पूरा क्षेत्र

त्रिकुटा पहाड़ी के आसपास बहने वाली नदियों और नालों में गहरी खोदाई से कभी भी पहाड़ ताश के पत्ताें की तरह दरक सकते हैं। माता वैष्णो देवी की पहाड़ियों वाला सारा क्षेत्र भूकंपीय जोन में आता है। अगर यहां रिक्टर स्केल पर 5.5 तीव्रता का भूकंप आता है तो इससे इस इलाके में भारी तबाही हो सकती है। रियासी जिले में नदी व नालों में खनन के लिए 17 ब्लॉक बनाए गए हैं, जिसमें अंजी नाला, चिनाब नदी और अरनास नाला शामिल है। रियासी से धार्मिक स्थल शिवखोड़ी को जाने वाली सड़क का काफी हिस्सा अंजी नाले में समा गया है।

- प्रो. एसके पंडिता

जम्मू विश्वविद्यालय

जियोलॉजी विभाग

अवैध खनन रोकने के लिए कर रहे प्रयास

अवैध खनन रोकने के लिए हम पूरी कोशिश करते हैं। डिप्टी कमिश्नर की देखरेख में अवैध खनन रोकने के लिए कमेटी भी बनी है। हमारी टीम समय-समय पर छापे भी मार रही है। जहां खनन की अनुमति दी गई है वहां भी नियमों का पूरी तरह पालन हो इसका भी ध्यान रखा जाता है।

- मनीशा सरीन,

संयुक्त निदेशक,

जियोलॉजी एडं माइनिंग विभाग

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