Jammu: कार्रवाई की आहट से हुर्रियत डरी, बोली-आतंकी फडिंग या हिंसा में शामिल नहीं

Terror Funding in Kashmir आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट ने बयान जारी कर कहा है कि उसका कोई भी नेता या कार्यकर्ता आतंकी फंडिंग में शामिल नहीं है। उदारवादी गुट की अगुवाई मीरवाइज मौलवी उमर फारूक करते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 09:27 AM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 09:27 AM (IST)
Jammu: कार्रवाई की आहट से हुर्रियत डरी, बोली-आतंकी फडिंग या हिंसा में शामिल नहीं
हुर्रियत हिंसा के खिलाफ है, वह शांतिपूर्ण तरीके से ही कश्मीर के मुद्दे पर अपने एजेंडे को लेकर चलती है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के चलते सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाने की संभावना के बाद हुर्रियत कांफ्रेंस अब झुकने की मुद्रा में नजर आने लगी है। हुर्रियत ने खुद को आतंकी फंडिंग और हिंसक घटनाओं से अलग करते हुए कहा कि पाकिस्तान के मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस सीटों की बिक्री में उसका कोई नेता शामिल नहीं है।

आपको जानकारी हो कि केंद्र सरकार ने हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों गुटों पर पाबंदी की तैयारी शुरू कर दी है। इससे हुर्रियत के घटक दलों और उनके नेताओं के बीच खलबली मची हुई है। सभी को तिहाड़ का डर सता रहा है। बीते सप्ताह पुलिस ने पाक में एमबीबीएस व इंजीनियरिंग के दाखिलों की आड़ में हो रहेे आतंकी फंडिंग के खेल में शामिल चार आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इनमें जफर अकबर बट उर्फ जफर फतेह कभी मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के करीबी भी रहे हैं।

आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट ने बयान जारी कर कहा है कि उसका कोई भी नेता या कार्यकर्ता आतंकी फंडिंग में शामिल नहीं है। उदारवादी गुट की अगुवाई मीरवाइज मौलवी उमर फारूक करते हैं। हुर्रियत प्रवक्ता ने कहा कि हुर्रियत काफ्रेंस के किसी भी नेता ने पाकिस्तान स्थित मेडिकल या इंजीनियरिंग कालेज की सीटों को कश्मीरी छात्रों में नहीं बेचा है।

इस तरह की आरोप सिर्फ हुर्रियत नेताओं को बदनाम करने और आम कश्मीरियों के बीच उनकी छवि को बिगाड़ने के लिए लगाए जा रहे हैं। हुर्रियत ने कहा कि कश्मीर से जो भी छात्र पाकिस्तान में एमबीबीएस या इंजीनियरिंग कर रहे हैं, उनसे या उनके अभिभावकों से कोई भी संपर्क कर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है।

वह खुद बता देंगे कि उन्हेंं किसने पाकिस्तान में दाखिला दिलाया और किस आधार पर दिलाया। अगर हुर्रियत नेताओं ने किसी को दाखिला दिलाया है तो सिर्फ कमजोर और बेसहारा परिवार के काबिल बच्चों को और वह भी बिना कोई पैसा लिए। वह किसी भी तरह से आतंकी फडिंग या आतंकी हिंसा में शामिल नहीं है। हुर्रियत हिंसा के खिलाफ है और वह शांतिपूर्ण तरीके से ही कश्मीर के मुद्दे पर अपने एजेंडे को लेकर चलती है। 

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