रिश्तों की डोर में थी बहुत उलझन, 12 दिन तक तिल-तिल कर अपनी जान देती रही छह जिंदगियां...

जम्मू के एसएसपी चंदन कोहली बताते हैं कि एक बार लगा कि सभी रास्ते बंद हैं पर मृतकों के हाथों में लगी कैनुला किट ने एक राह दिखा दी। साफ है कि मरने से पहले इनको सैलाइन के जरिये कोई ड्रग या फिर जहरीला द्रव्य पदार्थ दिया गया।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 07 Sep 2022 01:37 PM (IST) Updated:Wed, 07 Sep 2022 01:37 PM (IST)
रिश्तों की डोर में थी बहुत उलझन, 12 दिन तक तिल-तिल कर अपनी जान देती रही छह जिंदगियां...
कैसे अपनी आत्महत्या को अंजाम दे सकते हैं?

सुरेंद्र सिंह, जम्मू : जम्मू के सिद्दड़ा क्षेत्र का पाश इलाका तवी विहार कालोनी में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत की गुत्थी सुलझी-अनसुलझी सी है। सबूत-गवाह तो मिल गए हैं, लेकिन सवाल और जवाब की कई कड़ियां एक-दूसरे से ठीक से जुड़ नहीं पा रही हैं। पुलिस ने मामला सुलझाने का दावा करते हुए अपनी तरफ से कार्रवाई पूरी कर दी है। आत्महत्या की वजह तनाव, बीमारी और आर्थिक तंगी से उत्पन्न अवसाद को बताया है, लेकिन सकीना के परिवार सहित जम्मू के लोग इस संदिग्ध कहानी पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं। सभी के मन में एक ही सवाल है कि छह लोग बारह दिन तक तिल-तिल मरते हुए कैसे अपनी आत्महत्या को अंजाम दे सकते हैं?

यह है घटनाक्रम

श्रीनगर के बरजूला का रहने वाला 50 वर्षीय नूर उल हबीब काफी समय से जम्मू में ही रह रहा था। नूर अविवाहित और कैंसर से पीड़ित था। उसके घर के सामने वाली लेन में रहने वाली 60 वर्षीय सकीना उसके घर पर काम करती थी। सकीना की 32 वर्षीय बेटी नसीमा अख्तर, 30 वर्षीय रूबीना, 25 वर्षीय बेटा सलीम जाफर और बड़ी बेटी जरीफा का 18 वर्षीय दिव्यांग बेटा सज्जाद साथ में रहते थे। सकीना आर्थिक रूप से कमजोर थी और वह नूर के घर पर काम कर अपना परिवार चलाती थी।

एसएसपी जम्मू चंदन कोहली ने बताया पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार ड्रग के ओवरडोज या किसी जहरीले द्रव्य से मौत हुई है। सबसे पहले रूबीना और सलीम जाफर की मौत हुई। उसके बाद सकीना और उसकी बेटी नसीमा की मौत हुई। आखिरी में नूर और सज्जाद ने आत्महत्या की। आत्महत्या एक ही तरीके से की गई है। पुलिस के अनुसार पूरी साजिश के केंद्र में नूर ही था। यह बात भी सामने आ रही है कि सलीम जाफर और रूबीना को आत्महत्या की योजना के बारे में नहीं पता था।

4 अगस्त: नूर, सकीना, नसीमा और सज्जाद ने सामूहिक आत्महत्या की योजना बनाई। दोनों घरों के सीसी-टीवी कैमरे के तार काट दिए गए।

5 अगस्त: बाजार से कैनुला और डायपर लेकर आए व अन्य तैयारियां की।

6 अगस्त: नूर ने परिचित स्वास्थ्य कर्मचारी संजीव कुमार की मदद से जाफर व रूबीना को कैनुला किट लगवाई। उसे बताया गया कि दोनों बीमार हैं और उन्हें कुछ मल्टीविटामिन देने हैं।

7 अगस्त: सुबह से ही सलीम जाफर और रूबीना को ड्रग देना शुरू किया।

8-9 अगस्त: प्लंबर विजय कुमार सकीना के घर पहुंचा और पीछे एक बड़ा गड्ढा खोदा।

10-12 अगस्त: नूर ने हेल्थ वर्कर संजीव को दोबारा बुलाया और खुद के साथ-साथ सकीना, नसीमा व सज्जाद को भी कैनुला किट लगवा दिया। इसके बाद बारह अगस्त को पहले सकीना को ड्रग दी गई। 12 अगस्त को ही सलीम जाफर और रूबीना की मौत हो गई। एसी का तापमान घटा दिया गया था। शवों को पालीथिन में लपेटकर चार कंबलों से ढंक दिया गया, ताकि बदबू न आए।

13-14 अगस्त: सकीना की मौत हो गई। हेल्थ वर्कर संजीव कुमार को घर में बुलाकर कैनुला बदलवाए। नूर ने जोमैटो से शहर की प्रसिद्ध दुकान से मिठाई भी मंगवाई। डिलीवरी बाय को यह बताया कि परिवार में सबको कोरोना हो गया है। इसीलिए खाना बाहर ही छोड़ दे। घर में लाश पड़ी थी और परिवार के तीन लोगों की मौत हो चुकी थी, पर इस तरह से मिठाई मंगवाना भी हतप्रभ कर रहा है।

15 अगस्त: रूबीना की भी मौत हो गई। उसके बाद नूर व सज्जाद ने एक बार फिर संजीव कुमार को बाहर अपनी नैनो कार में बुलाया। उन्होंने अपनी कैनुला फिर बदलवाई। 15 अगस्त को ही नूर व सज्जाद की भी मौत हो गई।

16 अगस्त: नूर की बहन द्वारा जम्मू पुलिस को फोन करने के बाद मामला सामने आया।

हाथों में लगे कैनुला किट और घर के पीछे

खोदे गड्ढे ने खोली राह: कोहली

जम्मू के एसएसपी चंदन कोहली बताते हैं कि एक बार लगा कि सभी रास्ते बंद हैं, पर मृतकों के हाथों में लगी कैनुला किट ने एक राह दिखा दी। साफ है कि मरने से पहले इनको सैलाइन के जरिये कोई ड्रग या फिर जहरीला द्रव्य पदार्थ दिया गया। इसके अलावा सभी लोगों ने मरने से पहले डायपर पहने थे। साथ ही सकीना के मकान में पांच फीट का गड्ढा खोदा गया था। पुलिस ने कैनुला लगाने वाले और गड्ढा खोदने वाले की तलाश शुरू कर दी। नूर के फोन से प्लंबर विजय कुमार का नंबर मिला। उससे ही सारा मामला खुल गया।

कुछ सवाल अभी बाकी

आत्महत्या के लिए इतना लंबा और पेचीदा तरीका क्यों चुना गया?

अगर सबको आत्महत्या ही करनी थी, शव दबाने को गड्ढा क्यों खोदा गया?

आर्थिक तंगी थी, तो प्लंबर को ढाई लाख रुपये कहां से दिए?

रिश्तों की डोर में थी बहुत उलझन

सकीना व नूर सहित परिवार के अन्य सदस्यों और बड़ी बेटी जरीफा, उसका दूसरा पति अब्दुल रहमान के बीच में जमीन और आपसी रिश्तों को लेकर विवाद था। एक-दूसरे के खिलाफ आरोप भी लगाए थे।

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