Amit Shah Visit : इसी माह के अंत तक जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आ सकते हैं गृहमंत्री अमित शाह

उनका यह दौरा संभवत 23 से 25 अक्टूबर तक चलेगा और इस दौरान वह जम्मू कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य पर एकीकृत मुख्यालय की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसके अलावा वे विकासात्मक योजनाओं और प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम के तहत जारी योजनाओं की मौजूदा स्थिति का भी जायजा लेंगे।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 04:59 PM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 06:20 PM (IST)
Amit Shah Visit : इसी माह के अंत तक जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आ सकते हैं गृहमंत्री अमित शाह
अमित शाह के संभावित दौरे के लिए पार्टी की ओर से अंदरखाने तैयारी चल रही है।

जम्मू, जेएनएन : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस माह के अंतिम सप्ताह में जम्मू कश्मीर के दौरे पर आ सकते हैं। उनका यह दौरा संभवत: 23 से 25 अक्टूबर तक चलेगा और इस दौरान वह जम्मू कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य पर एकीकृत मुख्यालय की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसके अलावा वे विकासात्मक योजनाओं और प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम के तहत जारी योजनाओं की मौजूदा स्थिति का भी जायजा लेंगे। अमित शाह के संभावित दौरे के लिए पार्टी की ओर से अंदरखाने तैयारी चल रही है। हालांकि अभी पार्टी की ओर से शाह के आगमन की सूचना को पुष्ट नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की मजबूती और पार्टी को जमीनी सतर पर मजबूत करने के लिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व पूरी ताकत झोंक रहा है। प्रदेश की जनता का विश्वास जीतने के लिए इन दिनों जन पहुंच कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनता का विश्वास जीतना और प्रदेश प्रशासन के अधिकारियों को जनता के प्रति संवेदनशील बनाना है। अभी तक कई केंद्रीय मंत्री जनपहुंच कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आ चुके हैं। इस कार्यक्रम में मुख्य जोर कश्मीर पर दिख रहा है। वहां की जनता का विश्वास जीतना बड़ी चुनौती है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह भी में जम्मू कश्मर के दूरदराज इलाकों का दौरा करेंगे।

विधानसभा चुनाव से पूर्व जनता की नब्ज टटोल रही भाजपा : परिसीमन का काम पूरा होने तक हालांकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव तो केंद्र सरकार नहीं कराएगी, लेकिन अभी से जम्मू कश्मीर की जनता की नब्ज जरूर टटोली जा रही है। राजनीतिक के जानकारों का कहना है कि जनपहुंच कार्यक्रम सही मायने अच्छी पहल तो है, लेकिन यह एक राजनीतिक प्रक्रिया भी है। इस कार्यक्रम के तहत केंद्रीय मंत्री मुख्य रूप से कश्मीर में सियासी जमीन का हाल जानना चाह रहे हैं। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार अगली रणनीति तय करेगी। इतने मंत्रियों के दौरे के बाद यदि गृहमंत्री भी आ रहे हैं तो इसे भी उसी नजरिए से देखा जा सकता है।

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