JK Bank Loan Scam: ऋण के पैसे से कपिल शर्मा व सुनिधि चौहान के शो स्पांसर कर चुका हिलाल
एंटी करप्शन ब्यूरो ने 16 जनवरी को हिलाल को गिरफ्तार किया था और अगले दिन उसे कोर्ट में पेश कर सात दिन की रिमांड पर लिया था।
जम्मू, जेएनएफ : जम्मू-कश्मीर (जेके) बैंक से 177 करोड़ रुपये का ऋण लेकर न लौटाने का आरोपित हिलाल राथर टाउनशिप (फ्लैट) बनाने के बजाय इस पैसे का इस्तेमाल अपने सैर-सपाटे के अलावा कई टीवी शो को स्पांसर करने में कर चुका है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की अब तक हुई जांच से इस बात का खुलासा हुआ है कि हिलाल ने हास्य कलाकार कपिल शर्मा के शो और सुनिधि चौहान के शो को भी स्पांसर किया है। हिलाल नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता व राज्य के पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राथर का पुत्र है।
जांच में खुलासा हुआ है कि हिलाल ने मैसर्स सिमुला सॉफ्टवेयर सोल्यूशंस के नाम से अपनी एक कंपनी खोल रखी थी और वह तीन बार अपनी सिमुला टीम को टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने के लिए दुबई के शारजाह भी लेकर गया। इसके अलावा हिलाल ने विदेशों में कई संपत्तियां भी खरीदी थीं। इन सभी मामलों की जांच जारी है।
हिलाल की जमानत अर्जी को कोर्ट ने किया खारिज
आरोपित हिलाल राथर की जमानत अर्जी को कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया। एंटी करप्शन ब्यूरो ने 16 जनवरी को हिलाल को गिरफ्तार किया था और अगले दिन उसे कोर्ट में पेश कर सात दिन की रिमांड पर लिया था। उसके बाद भी कोर्ट ने हिलाल की रिमांड को बढ़ाया था। हिलाल ने खराब सेहत के आधार पर जमानत देने की मांग की थी, जिस पर तीन दिन बहस के बाद इसे खारिज कर दिया है।
एंटी करप्शन ब्यूरो के केस के मुताबिक, हिलाल ने वर्ष 2012 में जम्मू-कश्मीर बैंक से 177 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, लेकिन यह पैसा नहीं लौटाया। यह ऋण भी बैंक नियमों का उल्लंघन करके जारी हुआ था, जिसमें एंटी करप्शन ब्यूरो कई बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ कर रहा है। हिलाल ने जम्मू के नरवाल बाला में पैराडाइज एवन्यू टाउनशिप बनाने के लिए यह ऋण लिया था। उसने पैराडाइज एवन्यू के नाम से एक पार्टनरशिप फर्म बनाई। इसमें सनत नगर श्रीनगर के डॉ. रिजवान रहीम डार, बारामुला निवासी गुलाम मोहम्मद भट्ट व जम्मू निवासी दलजीत वडेरा व दीपशिखा जम्वाल हिलाल राथर के पार्टनर बने।
जम्मू-कश्मीर बैंक के नियमानुसार एक पार्टनरशिप फर्म को 40 करोड़ रुपये से अधिक ऋण मंजूर नहीं हो सकता था, लेकिन बैंक के तत्कालीन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने पहले चरण में ही इस फर्म के लिए 74.27 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया। हिलाल इससे पहले स्टेट फाइनेंशियल कॉरपोरेशन से भी ऋण ले चुका था और न चुकाए जाने पर कॉरपोरेशन ने वन टाइम सेटलमेंट के तहत पैसे वसूल किए थे।
इसकी जानकारी होने के बावजूद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 74.27 करोड़ का ऋण मंजूर किया। ऋण की किश्त अदा न किए जाने पर भी बोर्ड ने हिलाल की फर्म को 100 करोड़ से अधिक का ऋण दिया और 177 करोड़ का ऋण एनपीए हो गया। जम्मू-कश्मीर बैंक की न्यू यूनिवर्सिटी कैंपस शाखा से यह ऋण मंजूर किया गया। हिलाल सिमुला ग्रुप ऑफ कंपनीज का भी मालिक है। ब्यूरो कई महीनों से राथर से पूछताछ कर रहा था ताकि पता लग सके कि 177 करोड़ का ऋण कहां खर्च हुआ।