हैलो हैलो.. पर कोई जवाब नहीं और फोन कट
संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : हैलो हैलो..। मेरी आवाज आ रही है। थोड़ी देर बिलकुल ध्यान से स
संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : हैलो हैलो..। मेरी आवाज आ रही है। थोड़ी देर बिलकुल ध्यान से सुनने के बाद भी दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं और फोन कट हो जाता है। कुछ ऐसा ही हो रहा है सीमांत क्षेत्रों में।
लोग जब भी अपने रिश्तेदारों से मोबाइल फोन से संपर्क साध रहे हैं या तो फोन कनेक्ट ही नहीं हो पा रहा है या फिर हो रहा है तो एक-दूसरे की आवाज ही नहीं सुनाई दे रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में कुल मिलाकर संचार सेवा पूरी तरह से ठप हो गई है। क्षेत्र में सरकारी सहित निजी संचार कंपनियों की नेटवर्क व्यवस्था से लोग तंग आ चुके हैं। लोगों का कहना है कि संचार सेवा ठप होने से न तो अपने रिश्तेदारों से कोई संपर्क कर पा रहे हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारियों से नेटवर्क समस्या की शिकायत। पिछले कई महीने से सीमांत लोग परेशान हैं, लेकिन समस्या का समाधान करने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है। अलबता लोगों की मांग है कि क्षेत्र में नेटवर्क व्यवस्था को मजबूत किया जाए, ताकि लोगों को पेश आने वाली परेशानी से निजात मिल सके। वहीं, लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र कोई कदम नहीं उठाया गया तो अब लोग उग्र आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे। दुनिया से कटा हमारा संपर्क
स्थानीय पूर्व पंच यशपाल, सोहन लाल, तरसेम लाल, गोपाल दास, पुरुषोत्तम दास, जनक राज का कहना है कि सीमांत क्षेत्र के गांवों में कोई भी संचार साधन न होने से लोग देश के अन्य भागों से कट से गए हैं। सीमांत क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क तो है ही नहीं, लेकिन अब बीएसएनएल की लैंडलाइन व डब्ल्यूएलएल सेट भी बंद हो चुके हैं। इस कारण सीमांत लोगों का संपर्क करना मुश्किल हो रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि हम ग्रामीणों का देश के अन्य लोगों के साथ कोई संपर्क ही न हो। जब कभी मोबाइल नेटवर्क आ भी जाए तो बीच में ही फोन कट जाता है। संवदेनशील है सीमांत क्षेत्र
लोगों का कहना है कि सीमा पार से पाकिस्तानी गोलीबारी की लगातार आंशका बनी रहती है। अगर जब कभी पाक सेना गोलीबारी कर दे तो सीमांत लोगों को इसकी सूचना प्रशासन को देने में भी परेशानी होती है। सीमांत क्षेत्र संवेदनशील है, ऐसे में संचार व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए, ताकि लोग समय रहते प्रशासन से संपर्क साध सकें। सीमांत लोगों ने कहा कि कई बार इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन और संचार कंपनियां सीमांत क्षेत्रों में नेटवर्क व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही हैं। नेटवर्क व्यवस्था में हो सुधार
सीमांत ग्रामीणों में सुरजीत सिंह, देवेंद्र चौधरी, सुनील कुमार और रोशन लाल आदि ने बताया कि सीमा पर कब हालात तनावपूर्ण हो जाएं, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। पाकिस्तान कई बार अकारण और अचानक गोलीबारी कर देता है, जिससे आपात स्थिति बन जाती है। अगर फिर ऐसे हालात बन जाएं तो वो लोग किसी से संपर्क नहीं कर पाते हैं, जिससे लोगों को मुश्किल हो जाती है। उनका कहना है कि सरकार को सीमांत क्षेत्रों में संचार व्यवस्था सुधारनी चाहिए ताकि लोगों को समय रहते राहत मिल सके और आपात स्थिति में किसी प्रकार की परेशानी न हो।