अस्पतालों में खाली पद जल्द भरें : वोहरा

राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्यपाल एनएन वोहरा ने भर्ती एजेंसियों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Aug 2018 02:28 AM (IST) Updated:Tue, 14 Aug 2018 02:28 AM (IST)
अस्पतालों में खाली पद जल्द भरें : वोहरा
अस्पतालों में खाली पद जल्द भरें : वोहरा

राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्यपाल एनएन वोहरा ने भर्ती एजेंसियों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा विभाग है जिसमें मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए नीति ढांचा तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने लोक सेवा आयोग (पीएससी) को पांच नए मेडिकल कॉलेजों के लिए चिकित्सा अधिकारियों और फैकल्टी पदों की भर्ती में तेजी लाने और नवंबर 2018 तक पूरा करने के लिए कहा। सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा के दौरान उन्होंने यह निर्देश दिए। चेयरमैन जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग लतीफ-यू-जामन देव, राज्यपाल के सलाहकार, बीबी व्यास, के विजय कुमार और खुर्शीद अहमद गनई; मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, प्रमुख सचिव वित्त नवीन चौधरी, राज्यपाल के प्रमुख सचिव उमंग नरुला, प्रमुख सचिव योजना, विकास और निगरानी रोहित कंसल और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, डॉ पवन कोतवाल भी बैठक में मौजूद थे।

फैकल्टी की कमी का गंभीर संज्ञान

मेडिकल कॉलेजों और सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में फैकल्टी की कमी का गंभीर संज्ञान लेते हुए, राज्यपाल ने इस मुद्दे से निपटने के लिए नीतिगत हस्तक्षेपों को तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने मुख्य सचिव से व्यापक नीति ढांचे के साथ आने के लिए कहा। उन्होंने अधिकारियों और विशेषज्ञों की संयुक्त समिति गठित करने के लिए मुख्य सचिव को पिछले निर्देशों को फिर से दोहराया। आयोग में पर्याप्त स्टाफ की कमी के संबंध में राज्यपाल ने मुख्य सचिव से जल्दी इस पर कदम उठाने को कहा। पैरामेडिकल स्टाफ की हो नियुक्ति

राज्यपाल ने राज्य सेवा भर्ती बोर्ड के चेयरमैन को पांच नए मेडिकल कॉलेजों में पैरा-मेडिकल स्टाफ के पदों को भरने के लिए कहा। उन्होंने चेयरमैन से वित्त विभाग के साथ 1895 पदों के मामले को सुलझाने के लिए कहा गया ताकि चयन प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू हो सके। एमसीआइ के निरीक्षण से पहले हों सुविधाएं

राज्यपाल ने कहा कि अनंतनाग, बारामुला, डोडा, कठुआ और राजौरी में खुल रहे पांच नए मेडिकल कॉलेजों के लिए सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन को एमसीआई की टीम के दौरे से पहले पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि इन नए मेडिकल कॉलेजों से बाहर निकलने के बाद कम से कम पांच साल के लिए संबंधित क्षेत्रों में काम करने के लिए डाक्टर बाध्य होने चाहिए। इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव को भी नियमित रूप से निरीक्षण करने को कहा। उन्होंने रिक्त पदों को भरने के लिए नियमित रूप स डीपीसी होनी चाहिए।

जल्द पूरी हो चयन प्रक्रिया

सरकारी मेडिकल कॉलेजों और सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में रिक्त पदों के बारे में राज्यपाल ने राज्य लोक सेवा आयोग को इन दोनों अस्पतालों के लिए 158 रेफर किए गए पदों को भरने के लिए चयन प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के नियमों के तहत सभी पद पूरे होने चाहिए। राज्य, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए राज्यपाल को बताया गया कि भर्ती के लिए जेकेपीएससी को पहले से ही कंसल्टेंट्स के 99 पदों के अलावा मेडिकल ऑफिसर के 1200 पदों को रेफर करने के लिए कहा गया है।

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आयुर्वेद में कई पद रेफर

बैठक में बताया गया कि डाक्टरों के 60 पद आयुर्वेद में, यूनानी में 39 और होम्योपैथी में 16 पद भर्ती के लिए राज्य लोक सेवा भर्ती आयोग को रेफर किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े नान गजटेड पदों के बारे में कहा गया कि कुल 484 पद राज्य सेवा भर्ती बोर्ड को रेफर किए गए हैं। इनमें स्वास्थ्य निदेशालय कश्मीर से 262 और जम्मू से 222 पद शामिल हैं। इसी तरह मेडिकल कालेज और सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों के लिए भी पहले से रेफर किए गए 645 पदों को भी जल्दी भरने के लिए कहा गया। 1622 पदों की जरूरी

बैठक में कहा गया कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को सुचारू ढंग से चलाने के लिए 1622 और पद सृजित करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार पर 4656.96 लाख रुपये के वार्षिक वित्तीय बोझ पड़ेगा। यह प्रस्ताव विभाग वित्त विभाग के पास लंबित पड़ा हुआ है। इसमें कहा गया कि विभाग में पदों को सृजित करने का प्रस्ताव अहम है। सरकारी अस्पतालों में कुल 91 प्रतिशत मरीज इलाज करवाते हैं। इनमें ओपीडी में 99 प्रतिशत और आईपीडी में 97.5 प्रतिशत मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं। राज्यपाल ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को वित्त विभाग के प्रमुख सचिव के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करने को कहा ताकि इस पर कोई सहमति बन सके। इस मौके पर डज्ञयरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विस कश्मीर, डायरेक्टर हेल्थ जम्मू तथा मेडिकल कॉलेजों के ¨प्रसिपल भी मौजूद थे।

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