J&K: निजी स्कूलों की मनमानी पर सख्त हुई सरकार, शिकायतों की जांच के लिए तीन टीमें गठित

डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन जम्मू ने निजी स्कूलों को नोटिस जारी कर फीस निर्धारित करने वाले कमेटी की सिफारिशों का पालन करने को कहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 11:04 AM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 11:04 AM (IST)
J&K: निजी स्कूलों की मनमानी पर सख्त हुई सरकार, शिकायतों की जांच के लिए तीन टीमें गठित
J&K: निजी स्कूलों की मनमानी पर सख्त हुई सरकार, शिकायतों की जांच के लिए तीन टीमें गठित

जम्मू, राज्य ब्यूरो। फीस बढ़ोतरी और रि-एडमिशन मामले में स्कूल शिक्षा विभाग को 19 निजी स्कूलों के खिलाफ 50 शिकायतें मिली हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन टीमें गठित की हैं जो शहर के 20 से अधिक निजी स्कूलों का दौरा करेगी और फीस, रि-एडमिशन व अन्य चार्ज लेने की मिली शिकायतों पर पूछताछ करेगी। पहली टीम में डिप्टी सीईओ जम्मू देवेंद्र सिंह, ङ्क्षप्रसिपल नरेंद्र सिंह और जेडईओ जम्मू हनीफ मोहम्मद शामिल हैं। दूसरी टीम में डीईपीओ स्वर्ण सिंह, इंचार्ज प्रिंसिपल विजय चनियाल और जेडईओ गांधी नगर शशि प्रभा हैं, तीसरी टीम में क्षेत्रीय सलाहकार विनोद कुमार कौल, अशोक कुमार कौल और इंचार्ज ङ्क्षप्रसिपल नीलम गंडोत्र को शामिल किया है।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गठित तीनों टीम अपने-अपने क्षेत्र के प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ मिली शिकायतों की सोमवार को जांच करेंगी और शाम तक स्टेट्स रिपोर्ट सौंपेगी। गौरतलब है कि शहर के ज्यादातर निजी स्कूल फीस और रि-एडमिशन के नाम पर मनमानी पैसे वसूल कर रहे हैं। चूंकि बच्चों के भविष्य का सवाल होता है इसलिए अधिकतर अभिभावक चुप रहते हैं। फीस निर्धारित करने वाले कमेटी ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर कहा था कि सभी निजी स्कूल फीस व्यवस्था को सार्वजनिक करें, लेकिन किसी भी स्कूल ने ऐसा नहीं किया। कुछ अभिभावकों ने स्कूल शिक्षा विभाग से शिकायतें दर्ज करवाई, जिसके बाद विभाग हरकत में आ गया है।

स्कूलों को नोटिस

डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन जम्मू ने निजी स्कूलों को नोटिस जारी कर फीस निर्धारित करने वाले कमेटी की सिफारिशों का पालन करने को कहा है। नोटिस के अनुसार कमेटी ने स्कूलों को अधिकतम छह प्रतिशत फीस में वृद्धि की इजाजत दी है।

निजी स्कूलों को नियमों का पालन करने की हिदायत

डायरेक्टर स्कूल एजूकेशन जम्मू ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ मिली शिकायतों पर नोटिस जारी कर फीस निर्धारित करने वाले कमेटी की सिफारिशों का पालन करने को कहा है। नोटिस में सर्वोच्च न्यायालय और फीस निर्धारण कमेटी का हवाला देते हुए कहा है कि सभी निजी स्कूल फीस संरचना तय करने कमेटी के पास जाएं। यह नोटिस डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन अनुराधा गुप्ता ने जारी किया है। नोटिस के अनुसार कमेटी ने स्कूलों को अधिकतम छह प्रतिशत फीस में वृद्धि की इजाजत दी है। जिन स्कूलों की ट्यूशन फीस मासिक एक हजार रुपये से कम है और सालाना फीस छह हजार से कम है, उनको कमेटी के पास जाने की जरूरत नहीं है।

एक अगस्त 2018 से प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस में छह प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं कर सकते। अगर किसी स्कूल ने फीस में बढ़ोतरी करनी है तो उसे कमेटी को पूरी जानकारी देनी होगी, कारण बताने होंगे। नर्सरी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य फीस नहीं ले सकते। नोटिस में कहा गया है कि वार्षिक फीस में मरम्मत, रखरखाव, एक समय की परीक्षा फीस, कंप्यूटर फीस, स्पोर्टस फीस बताई जाए। प्राइवेट स्कूल छात्रों को स्कूल से ही वर्दियां और पुस्तकें खरीदने को मजबूर नहीं कर सकते। सभी निजी स्कूल अपनी फीस संरचना नोटिस बोर्ड पर लगाए और एक कापी डायरेक्टर स्कूल एजूकेशन, संबंधित मुख्य शिक्षा अधिकारी को भेजें। डायरेक्टर स्कूल एजूकेशन ने फीस निर्धारण कमेटी से आग्रह किया है कि अभिभावकों के समाधान के लिए बैठक बुलाए।

प्राइवेट स्कूलों को बदनाम करने का प्रयास

जम्मू-कश्मीर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन जम्मू ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ बड़े प्राइवेट स्कूलों के बारे में तो कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन छोटे-छोटे कई प्राइवेट स्कूल हैं, जिनके कारण राज्य का शिक्षा स्तर सुधरा है। इन स्कूलों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। कुछ राजनेता इन स्कूलों को निशाना बना रहे हैं। एसोसिएशन के लोगों ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूलों की नकेल कसने की बातें तो हर कोई करता है, लेकिन सिस्टम को सुधारने की बात नहीं होती। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस, वार्षिक फीस, ट्रांसपोर्ट फीस लेने के हकदार हैं। किसी भी अभिभावक को अगर परेशानी हो तो वे स्कूल प्रबंधन से या पीएसए के पदाधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। संवाददाता सम्मेलन में कमल गुप्ता, रमेश्वर मेंगी, अजय गुप्ता आदि मौजूद थे। उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों और फीस निर्धारित कमेटी के सिफारिश पर कार्रवाई की जा रही है। लिखित में 50 के करीब शिकायतें मिली हैं। कुछ अभिभावकों ने निजी स्कूलों के खिलाफ मौखिक शिकायतें की थीं। अब शिकायतों के आधार पर विभाग कार्रवाई करेगा। इसमें जिला प्रशासन जम्मू और लीगल मेट्रोलाजी विभाग का सहयोग लिया जा रहा है। - अनुराधा गुप्ता, डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन

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