J&K Politics: कांग्रेस में फिर सामने आई अंतर्कलह, आजाद ने प्रचार कमेटी चेयरमैन पद से दो घंटों में दिया इस्तीफा

पार्टी सूत्रों के अनुसार आजाद कमेटियों के गठन को लेकर खुश नहीं थे। उनका कहना था कि कमेटियां बनाते समय उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। बताया जा रहा है कि आजाद पहले ही हाईकमान को कह चुके थे कि वह जम्मू-कश्मीर की कोई जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे।

By Amit SinghEdited By: Publish:Wed, 17 Aug 2022 02:04 AM (IST) Updated:Wed, 17 Aug 2022 05:18 AM (IST)
J&K Politics: कांग्रेस में फिर सामने आई अंतर्कलह, आजाद ने प्रचार कमेटी चेयरमैन पद से दो घंटों में दिया इस्तीफा
गुलाम नबी आजाद ने चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा

जम्मू, ब्यूरो। कांग्रेस में अंतर्कलह फिर सामने आ गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस हाईकमान का एक और फैसला पसंद नहीं आया और उन्होंने जम्मू-कश्मीर में प्रचार कमेटी का चेयरमैन बनाए जाने के मात्र दो घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को दिल्ली में लंबी मंत्रणा के बाद विकार रसूल को जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस कमेटी का प्रधान नियुक्त करने के साथ कई कमेटियों का भी गठन किया।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, आजाद कमेटियों के गठन को लेकर खुश नहीं थे। उनका कहना था कि कमेटियां बनाते समय उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। बताया जा रहा है कि आजाद पहले ही हाईकमान को कह चुके थे कि वह जम्मू-कश्मीर की कोई जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे। हालांकि पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। यही नहीं, विकार रसूल को प्रदेश प्रधान बनाए जाने से जम्मू-कश्मीर में भी पार्टी में नाराजगी तेज हो गई है। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं हाजी रशीद ने पार्टी और गुलजार अहमद वानी व मोहम्मद अमीन भट्ट ने कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है।

सोनिया गांधी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के लिए प्रचार कमेटी, राजनीतिक मामलों की कमेटी, कोआर्डिनेशन कमेटी, घोषणापत्र कमेटी, पब्लिसिटी एंड पब्लिकेशन, अनुशासनात्मक कमेटी, प्रदेश चुनाव कमेटी बनाने को मंजूरी दी। इसमें गुलाम बनी आजाद को जम्मू कश्मीर में एक अहम जिम्मेदारी सौंपते हुए प्रचार कमेटी का चेयरमैन बनाया गया और उनके समर्थन वाले नेता विकार रसूल को प्रधान बनाया। वहीं, वरिष्ठ नेता रमण भल्ला को कार्यवाहक प्रधान बनाकर जम्मू को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई। मगर देर शाम तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच आजाद ने कमेटी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया।

बताया जा रहा है कि विकार रसूल के नाम का विरोध जीएम सरूरी समेत कई नेताओं ने किया और दिल्ली में पार्टी हाईकमान ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बातचीत भी की। इसमें आजाद भी हिस्सा रहे हैं। लंबी खींचतान के बाद विकार रसूल प्रधान बनने में सफल रहे। गुलाम नबी आजाद ने पार्टी हाईकमान को चार नाम सौंपे थे, जिसमें विकार रसूल, जीएम सरूरी, गुलाम नबी मोंगा और पीरजादा मोहम्मद सईद शामिल थे। इसके बाद विकार रसूल के नाम पर जोर डाला गया। विकार को प्रधान पद सौंपने में राहुल गांधी की अहम भूमिका रही।

पार्टी सूत्र बताते हैं कि आजाद ने जीएम सरूरी समेत विरोध करने वाले नेताओं को मनाया और पार्टी हाईकमान ने रसूल के नाम पर अपनी मुहर लगा दी। हालांकि प्रदेश कांग्रेस में विकार रसूल से काफी वरिष्ठ नेता भी हैं, जो अनुभवी हैं। ऐसे में विकार के लिए सभी को साथ लेकर चलना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। वहीं सोनिया गांधी ने प्रदेश प्रधान पद से गुलाम अहमद मीर का त्यागपत्र मंजूर कर लिया है। इसकी जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ से जारी विज्ञप्ति में की गई। उधर पूर्व प्रधान गुलाम अहमद मीर ने प्रदेश में कांग्रेस को लिए गए फैसले में सोनिया गांधी का आभार जताया है।

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