सड़क पर दौड़ने वाले वाहन छोड़ते हैं धूल के गुबार, लोगों ने सड़क न बनाने पर आंदोलन की चेतावनी दी

लोगों ने कहा है कि यदि जल्द सड़क का निर्माण पूरा नहीं किया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर होंगे।

By Edited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 09:09 AM (IST) Updated:Mon, 23 Sep 2019 05:23 PM (IST)
सड़क पर दौड़ने वाले वाहन छोड़ते हैं धूल के गुबार, लोगों ने सड़क न बनाने पर आंदोलन की चेतावनी दी
सड़क पर दौड़ने वाले वाहन छोड़ते हैं धूल के गुबार, लोगों ने सड़क न बनाने पर आंदोलन की चेतावनी दी

संवाद सहयोगी, विजयपुर: कस्बे के मेटाडोर स्टैंड से रामगढ़ तक बनने वाली सड़क का काम अधर में लटका हुआ है। इसे पूरा करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी पर है। इस समय हालत यह है कि सड़क से गुजरते वाहन धूल के गुबार छोड़ते चलते हैं। इससे लोगों को भारी परेशानी होती है। जानकारी के मुताबिक, पिछले वर्ष विजयपुर से रामगढ़ जाने वाली सड़क को बनाने के लिए सांसद जुगल किशोर और पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश गंगा ने हरी झंडी दी थी।

पीडब्लूडी ने इस सड़क को बनाने के लिए 18 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान बताया था। शुरू में इस सड़क का काम तेजी से शुरू भी किया गया और विजयपुर से चक सलारिआं तक सड़क का काम पूरा भी कर लिया गया। उधर, रामगढ़ की तरफ से शुरू हुआ सड़क का निर्माण कार्य गांव करालिआ में पहुंचने पर बंद हो गया। इससे लोग बहुत परेशान हैं। सुबह जाने वाले स्कूली छात्र, मजदूर, नौकरी पेशे वाले लोग जब रोज घर से जाना होता है तो करालिआ से लेकर चक सलारिआ तक धूल ही धूल नजर आती है। इससे कपड़े तो खराब होते ही हैं, साथ ही धूल से बीमार होने की आशंका भी बनी रहती है।

क्षेत्रवासी समाज सेवक अविनाश चौधरी, समाज सेवक राम सिंह, सतपाल, सोमनाथ, रौशनी देवी, सिमरो देवी, बिशन दास, रोहित चौधरी, रोमी शर्मा और कॉलेज छात्र नीरज, रूहानी, रजत, सुनील, साहिल, भारत, राकेश, अखिल आदि ने कहा कि सुबह नहाकर घर से निकला आदमी चक सलारिआ से करालिआ तक धूल से गंदा हो जाता है, लेकिन पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इसकी जरा भी चिंता नहीं है। लोगों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार का जब जी चाहे तो काम करते हैं नहीं तो ज्यादातर बंद ही रखते हैं।

समाज सेवक अविनाश चौधरी और राम सिंह ने सड़क का रुकने की केंद्र सरकार द्वारा जांच करवानी चाहिए, क्योंकि केंद्र सरकार की मदद से ही यह सड़क बन रही थी। लोगों ने कहा है कि यदि जल्द सड़क का निर्माण पूरा नहीं किया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर होंगे।

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