Jammu : डीएपी खाद नहीं मिलने से किसान परेशान, पिछड़ रही गेहूं की बिजाई

जम्मू संभाग की बात करें तो यहां पर 2.73 लाख हैक्टेयर में गेहूं की खेती होती है। इसके लिए तुरंत 10 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की जरूरत है। मगर सरकारी केंद्रों में खाद का एक भी दाना नहीं है।

By VikasEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 06:53 AM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 06:53 AM (IST)
Jammu :  डीएपी खाद नहीं मिलने से किसान परेशान, पिछड़ रही गेहूं की बिजाई
बिजाई का आधे से भी अधिक सीजन गुजर चुका

जम्मू, जागरण संवाददाता । जैसे जैसे दिन गुजरते जा रहे हैं, किसानों के दिल की धड़कन भी तेज होने लगी है। जमीन में उचित नमी है, बीज का बंदोबस्त भी है मगर डीएपी खाद नहीं। इससे गेहूं की बिजाई ठंडी पड़ गई है। पंजाब में किसान आंदोलन के चलते खाद के रैक जम्मू नहीं लग पा रहे। खाद नही मिलने से अब बिजाई नहीं हो पा रही।

10 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की जरूरत है

पहले किसानों को बारिश का इंतजार था, बारिश मिली तो अब खाद का इंतजार बन गया है। बिजाई का आधे से भी अधिक सीजन गुजर चुका, कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि अगर अच्छी पैदावार लेनी है तो अगले दो सप्ताह तक बिजाई का काम पूरा कर लिया जाना चाहिए। उसके बाद की गई बिजाई से उत्पादन पूरा नहीं मिल पाता। जम्मू संभाग की बात करें तो यहां पर 2.73 लाख हैक्टेयर में गेहूं की खेती होती है। इसके लिए तुरंत 10 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की जरूरत है। मगर सरकारी केंद्रों में खाद का एक भी दाना नहीं है। बने इस संकट से निपटने के लिए कृषि विभाग भले ही प्रशासनिक तौर पर कोई रास्ता निकालने में जुटा हो लेकिन अभी तक कोई राहत भरी खबर नहीं मिल पाने से किसान परेशान है।

बिचौलिए भी सक्रिय, पंजाब से खाद लाकर यहां पर महंगे दाम पर बेच रहे हैं 

वहीं डीएपी खाद की बनी कमी को लेकर बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं। पंजाब से खाद लाकर यहां पर महंगे दाम पर बेच रहे हैं। खाद की पैकिंग जोकि 1300 रुपए में मिल जानी चाहिए, किसानों को 1500 रुपए में मिली। व्यापारी लोग खाद की काला बाजारी करने में जुटे हैं। कृषि विभाग के लाॅ इंफोर्समेंट विंग के उप निदेशक रोशन लाल ने कहा कि अगर कोई व्यापारी खाद की काला बाजारी करता है तो इसकी शिकायत की जाए।

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