Jammu : घराना वेटलैंड के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध किसानों ने निकाली रोष रैली

उन्होंने कहा कि सरकार को पहले किसानों के हितों के बारे में सोचने की जरूरत है उसके बाद कोई फैसला लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसानों के समर्थन में बड़ा आंदोलन भी करना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेंगे।

By Edited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 08:20 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 08:21 AM (IST)
Jammu : घराना वेटलैंड के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध किसानों ने निकाली रोष रैली
बॉर्डर पर रहने वाले लोगों को हमेशा ही नुकसान झेलना पड़ा है।

संवाद सहयोगी,आरएसपुरा : घराना वेटलैंड के विस्तार के लिए सरकार की ओर से भूमि अधिग्रहण किए जाना का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गांव घराना सहित सीमांत क्षेत्र के कई गांवों के किसानों ने घराना के किसानों के समर्थन में रैली निकालकर रोष जताया।

उन्होंने कहा कि वेटलैंड के विस्तार का किसान विरोधी नहीं हैं, लेकिन उन्हें भूमि के बदले भूमि दी जाए। कस्बे की महात्मा गांधी पार्क से रोष रैली निकाली और एसडीएम कार्यालय में पहुंच कर संपन्न हुई। यहां किसानों ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने मांग करते हुए कहा कि जिन किसानों की भूमि सरकार द्वारा वेटलैंड के विस्तार के लिए ली जा रही है, उन किसानों को भूमि के बदले भूमि दी जानी चाहिए।

रैली में पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह चिब, पूर्व राज्यसभा सांसद त्रिलोक सिंह बाजवा, जाट महासभा के प्रधान चौधरी मनमोहन सिंह, जिला विकास परिषद सदस्य सरदार तरनजीत सिंह टोनी, पार्षद द्वारका चौधरी सहित कई पंचायतों के सरपंच तथा लोग शामिल रहे। विरोध जता रहे किसानों ने ने कहा कि सरकार की ओर से घराना वेटलैंड के विस्तार के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांव के लोग वेटलैंड के विस्तार के खिलाफ नहीं है, लेकिन किसान चाहते हैं कि जिन किसानों की जमीन इस विस्तार कार्य में आ रही है। उन किसानों को भूमि के बदले भूमि मिलनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसानों पर सरकार की किसी तरह की तानाशाही सहन नहीं की जाएगी। अगर सरकार ने किसानों को दबाने का प्रयास किया तो यह आंदोलन बड़े आंदोलन के रूप में आगे बढ़ेगा। पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह चिब, पूर्व राज्यसभा सांसद त्रिलोक सिंह बाजवा,डीडीसी सदस्य सरदार तरनजीत सिंह टोनी ने कहा कि वो पूरी तरह से गांव के किसानों के साथ खड़े हैं और उनके साथ किसी तरह की नाइंसाफी सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को पहले किसानों के हितों के बारे में सोचने की जरूरत है, उसके बाद कोई फैसला लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसानों के समर्थन में बड़ा आंदोलन भी करना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेंगे।

जाट नेता चौधरी मनमोहन सिंह ने कहा कि बॉर्डर पर रहने वाले लोगों को हमेशा ही नुकसान झेलना पड़ा है। पाकिस्तानी गोलाबारी के कारण पहले ही जे ग्रामीण उजड़े हुए हैं और अब सरकार इनकी भूमि छीन कर उजाड़ने का प्रयास कर रही है जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। इस दौरान किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने एसडीएम को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा। रोष रैली में पूर्व सरपंच गुरमीत सिंह, सरपंच शाम लाल भगत, बलकार सिंह, नागरा सुषमा चौधरी सहित काफी संख्या में गांव वासी मौजूद रहे।

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