रेलवे टिकट की कालाबाजारी का भंडाफोड़, दो काबू

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By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Nov 2019 06:27 AM (IST) Updated:Sat, 09 Nov 2019 06:53 AM (IST)
रेलवे टिकट की कालाबाजारी का भंडाफोड़, दो काबू
रेलवे टिकट की कालाबाजारी का भंडाफोड़, दो काबू

जागरण संवाददाता, जम्मू : रेलवे की ई-टिकट की कालाबाजारी के आरोप में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के जवानों ने अखनूर में पंजीकृत टिकट एजेंट के कार्यालय में दबिश दी। वहां उन्होंने पाया कि एजेंसी में सरकारी आइडी के बजाय निजी आइडी तैयार कर उससे टिकट बना कर यात्रियों से मनमाने रुपये वसूल लेते थे।

आरपीएफ अधिकारियों को पुख्ता सूचना मिली कि जम्मू से 35 किलोमीटर दूर अखनूर में हाई-टेक साइबर कैफे में रेलवे कानून का उल्लंघन कर रेल टिकट बना कर रेलवे के राजस्व में चूना लगाया जा रहा है। इस सूचना पर पोस्ट कमांडेंट मुंशी राम की देखरेख में आरपीएफ टीम ने अखनूर में दबिश दी। जांच के दौरान ई-टिकट की कालाबाजारी पाए जाने पर टिकट एजेंसी का संचालन कर रहे दो युवकों नीरज कुमार और दरविदर सिंह को मौके पर ही पकड़ लिया। दोनों को सीधे आरपीएफ पुलिस थाने में ले जाया गया। मौके से पुलिस ने दो लैपटाप, दो प्रिटर, एक मॉडम, तीन मोबाइल फोन, 3320 रुपये नकदी, चार ई टिकट जिन का मूल्य 2282 है के अलावा 29 पुरानी टिकटों जिनका मूल्य 52,987 रुपये है को जब्त कर लिया। पकड़े गए दोनों युवकों को शुक्रवार रेलवे मजिस्ट्रेट के समक्ष आगे की कार्रवाई के लिए पेश किया जाएगा। काबिलेगौर है कि करीब दो सप्ताह पूर्व आरपीएफ ने बड़ी ब्राह्मणा में टिकट एजेंट के यहां दबिश देकर वहां से ई टिकट की कालाबाजारी कर भंडाफोड़ किया था।

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क्या है रेलवे कानून

भारतीय रेलवे की आइआरसीटीसी के पंजीकृत टिकट एजेंट को रेलवे द्वारा एक आईडी दी जाती है। इसी आईडी से एजेंट को टिकट बनानी होती है। टिकट बनाने पर एजेंट को एक कुछ प्रतिशत कमीशन के तौर पर मिलता है। अधिक लाभ कमाने के चक्कर में एजेंट अपने नाम की फर्जी आईडी तैयार कर उससे टिकट बनाते है और यात्रियों से मनमाने रुपये वसूल लेते है।

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