जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान योजना में फर्जी कार्ड बनाने का हुआ खुलासा

आयुष्मान भारत के सीईओ भूपेंद्र कुमार ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि इस योजना के तहत मरीजों को 14 करोड़ रुपयों का लाभ मिला है। इन मरीजों की पूरी जांच के बाद ही भुगतान हुआ है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 04 Jan 2020 12:08 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jan 2020 12:08 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान योजना में फर्जी कार्ड बनाने का हुआ खुलासा
जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान योजना में फर्जी कार्ड बनाने का हुआ खुलासा

जम्मू, रोहित जंडियाल। देश में गोल्डन कार्ड बनाने में पहले स्थान पर रहे जम्मू कश्मीर में भी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में फर्जी कार्ड बनाने के मामले सामने आए हैं। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए इस पर रोक लगाने का प्रयास किया है। इस योजना के लाभार्थियों के कार्ड अभी भी बन रहे हैं।

सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार जम्मू कश्मीर में 6.30 लाख गरीब परिवारों के गोल्डन कार्ड बनने थे। राज्य के 31 लाख लोगों को इस योजना का लाभ मिलना है। योजना शुरू होने के चंद महीनों बाद ही 11 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड बना दिए गए थे। इस दौरान कुछ शिकायतें भी मिलीं। कश्मीर के बडगाम में एक सरकारी अस्पताल में काम कर रहे आयुष्मान मित्रा ने कुछ लोगों के फर्जी कार्ड बनाकर उनका इलाज करवाया, लेकिन कार्डों की ऑनलाइन जांच की गई तो उनके नाम गोल्डन कार्ड हासिल करने वालों में नहीं थे। इसकी शिकायत आयुष्मान भारत के सीईओ भूपेंद्र कुमार से की गई तो उस कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया गया।

कुछ दिन पहले ही ऊधमपुर जिले में भी गोल्डन कार्ड पर एक मरीज की सरकारी अस्पताल में भर्ती करने के बावजूद इलाज नहीं किया गया। डॉक्टर ने उसका इलाज निजी अस्पताल में करवाया। स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई तो डॉक्टर का ऊधमपुर से तबादला कर दिया गया। भूपेंद्र कुमार ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि इस योजना के तहत मरीजों को 14 करोड़ रुपयों का लाभ मिला है। इन मरीजों की पूरी जांच के बाद ही भुगतान हुआ है।

आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यहां इक्का-दुक्का फर्जी मामले ही सामने आए हैं। समय पर उचित कार्रवाई करने के कारण यह योजना सुचारु रूप से चल रही है। इंश्योरेंस कंपनी भी सभी मामले की समीक्षा करती है, जिससे गड़बड़ी होने की आशंका नहीं रहती है।

सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर हैं मरीज

राज्य में गोल्डन कार्ड हासिल करने वाले मरीज सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर हैं। यहां पर कुल 155 अस्पताल योजना के साथ पंजीकृत हैं। इनमें 126 सरकारी और 29 प्राइवेट अस्पताल हैं। प्राइवेट अस्पतालों में भी जम्मू में आचार्य श्री चंद्र कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेस ही बड़ा अस्पताल हैं। अन्य प्रमुख अस्पतालों ने योजना में कम पैकेज होने के कारण अपना पंजीकरण करवाने में रूचि नहीं दिखाई थी।

मिल चुका है पुरस्कार

गोल्डन कार्ड बनाने में सबसे तेजी दिखाने और नए तरीके अपनाने के लिए जम्मू कश्मीर को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से पुरस्कार भी मिल चुका है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त और आयुष्मान भारत के सीईओ भूपेंद्र कुमार को सम्मानित किया गया था।

chat bot
आपका साथी