Convocation of IIM : भारत के अंदरूनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं : उपराष्ट्रपति

गा। जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में आइआइएम जम्मू के तीसरे और चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आइआइएम जैसे राष्ट्रीय संस्थानों को नवीनीकरण के कोर्स शुरू करने चाहिए। चौथी औधोगिक क्रांति को मद्देनजर रखकर मार्केट के अनुसार डिप्लोमा

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 06:29 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 06:32 PM (IST)
Convocation of IIM  : भारत के अंदरूनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं : उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत के अंदरूनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। जम्मू कश्मीर के चंहुमुखी विकास की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सभी चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला किया जा रहा है। भारत के अंदरूनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में आइआइएम जम्मू के तीसरे और चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आइआइएम जैसे राष्ट्रीय संस्थानों को नवीनीकरण के कोर्स शुरू करने चाहिए। चौथी औधोगिक क्रांति के मद्देनजर मार्केट के अनुसार डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएं। 

नायडू ने कहा कि विश्व में नई हकीकत को देखते हुए उच्च शिक्षा का स्वरूप होना चाहिए। इसके लिए कृषि, व्यापार, तकनीक, प्रबंधन जैसे कोर्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हम पुराने तरीकों से भविष्य की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते। नवीनीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए सोच विकसित करने और संस्थागत सुधार पर जोर देते हुए नायड़ू ने कहा कि विश्व तेजी के साथ बदल रहा है और भविष्य के प्रबंधकों को उसी हिसाब से काम करना होगा। विश्व में समस्याओं का समाधान करने के लिए युवाओं में योग्यता होनी चाहिए।

किसानों की मदद के लिए तकनीक विकसित करने पर जोर : उपराष्ट्रपति ने उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा कि मानव ने जिन समस्याओं का सामना नहीं किया, वैसी स्थितियों का सामना करने के लिए सक्षम होना चाहिए। कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों की मदद के लिए तकनीक विकसित की जानी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे कृषि मार्केटिंग के लिए किसानों के साथ मिल कर काम करें। ई-नाम को मूल्यों के लिए बेहतर करार देते हुए उन्होंने कहा कि फसलों की कटाई के बाद बेहतर सुविधाओं के लिए नवीनीकरण की जरूरत है। देश के विकास में युवा अहम संसाधन हैं।

इंडस्ट्री और संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता बताई : कौशल विकास और गुणवत्ता वाली शिक्षा विकास के लिए अहम हैं। इंडस्ट्री व संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए। कोरोना के दौर में शिक्षा प्रदान करने में तकनीक विकसित हुई है। शिक्षा में और कारगर तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। तकनीक की इस क्रांति में ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के विद्यार्थियों को फायदा पहुंचना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में पुराने समय में जम्मू कश्मीर के प्रमुख शिक्षा केंद्र होने का जिक्र करते हुए कहा कि पतंजलि, ललेश्वरी, हब्बा खातून का योगदान अहम रहा है। जम्मू कश्मीर पतंजलि की भूमि है, जिसने विश्व को योग दिया। ललेश्वरी और हब्बा खातून ने अपनी कविताएं दीं।

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