25 वर्ष से पथरीला रास्ता ही है ग्रामीणों का नसीब

-बैक टू विलेज के तीनों चरण और मेरा शहर मेरी शान नहीं बदल सके टिंडे खुर्द की तकदीर संवा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 06:48 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 06:48 AM (IST)
25 वर्ष से पथरीला रास्ता ही है ग्रामीणों का नसीब
25 वर्ष से पथरीला रास्ता ही है ग्रामीणों का नसीब

-बैक टू विलेज के तीनों चरण और 'मेरा शहर मेरी शान' नहीं बदल सके टिंडे खुर्द की तकदीर संवाद सहयोगी, बिश्नाह : बिश्नाह र्से ंटडे खुर्द जाने वाली सड़क निर्माण कार्य शुरू होने के 25 वर्ष बाद भी पक्की नहीं हो सकी है। इसके लिए ग्रामीणों ने धरना दिया, प्रदर्शन किए, लेकिन सरकारी महकमे के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। इन पच्चीस वर्षो में कई सरकारें आई, गईं और राज्य केंद्र शासित प्रदेश भी बन गया, लेकिन तब भी कुछ असर नहीं हुआ। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सरकार ने बैक टू विलेज के तीन चरण पूरे कर लिए और अब मेरा शहर मेरी शान कार्यक्रम भी हुआ, लेकिन इसके बाद भी ग्रामीणों का पक्की सड़क पर चलने का सपना साकार नहीं हो पाया। इससे ग्रामीणों में सरकार और प्रशासन के प्रति निराशा घर कर गई है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे किसके पास गुहार लगाने जाएं, ताकि बिश्नाह से टिंडे खुर्द तक पक्की सड़क बन सके।

ग्रामीणों ने बैक टू विलेज में बिश्नाह पहुंचे केंद्रीय मंत्री से सड़क को पक्की करवाने की माग की। पीडब्ल्यूडी विभाग अधिकारियों के समक्ष मुद्दा उठाया। आरएसपुरा के एईई ने माना कि यह सड़क सब डिवीजन आरएसपुरा के अधीन है। उन्होंने आश्वासन तो दिया लेकिन बैक टू विलेज एक, दो व तीन भी खत्म हो गया और कुछ नहीं हुआ। इसी तरह च्मेरा शहर मेरी शानज् कार्यक्रम में भी बात आश्वासन से आगे नहीं बढ़ी। ग्रामीणों को नहीं पता कि कब सड़क पर तारकोल डालकर पक्की की जाएगी।

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