दिक्कतों का जमाना गया, अब सहूलियतों का मौसम है: सिन्हा

कोविड-19 महामारी से प्रभावित कारोबार जगत की मदद के लिए पैकेज घोषित करने के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अब दिक्कतों का जमाना गया। अब सहूलियतों का मौसम है। सभी काम समयबद्ध होंगे। मानवाधिकारों के हनन पर कठोर कार्रवाई होगी। कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर जल्द ही एक व्यावहारिक योजना बनेगी। पंजाबी भाषा को लेकर जल्द ही संसद में खुशखबरी सुनने को मिलेगी। जम्मू कश्मीर में अब एक नई संस्कृति की शुरुआत हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 02:00 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 05:11 AM (IST)
दिक्कतों का जमाना गया, अब सहूलियतों का मौसम है: सिन्हा
दिक्कतों का जमाना गया, अब सहूलियतों का मौसम है: सिन्हा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कोविड-19 महामारी से प्रभावित कारोबार जगत की मदद के लिए पैकेज घोषित करने के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अब दिक्कतों का जमाना गया। अब सहूलियतों का मौसम है। सभी काम समयबद्ध होंगे। मानवाधिकारों के हनन पर कठोर कार्रवाई होगी। कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर जल्द ही एक व्यावहारिक योजना बनेगी। पंजाबी भाषा को लेकर जल्द ही संसद में खुशखबरी सुनने को मिलेगी। जम्मू कश्मीर में अब एक नई संस्कृति की शुरुआत हो रही है।

नवोदित उद्यमियों की दिक्कतों पर उपराज्यपाल ने कहा कि युवा व महिला उद्यमियों के लिए पहली बार जेके बैंक में एक डेस्क स्थापित किया गया है। सरकारी स्तर पर भी सिगल विडो सिस्टम को बेहतर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब घोषणाएं नहीं काम होंगे। उन्होंने कहा कि नए घोषित पैकेज और प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम को आपस में जोड़ने की जरूरत नहीं है। आज जो पैकेज घोषित किया गया है, वह तीन माह में पूरी तरह लागू होगा। प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम की योजनाएं पूरा करने की समय सीमा दोबारा तय की है। सोपोर में तथाकथित ओवरग्राउंड वर्कर की कथित हिरासत में मौत और अमशीपोरा मुठभेड़ पर उन्होंने कहा कि अब यहां किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। शायर हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का शनिवार को एक नया ही अंदाज देखने को मिला। उन्होंने बशीर बद्र का शेर, हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है, जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा.. पढ़कर खुशहाल बनाने का संकेत दिया। अपने मिशन की कामयाबी के लिए जनभागीदारी का आहवान करते हुए कहा, बहुत लंबा है सफर, अभी बहुत दूर जाना है, गर चलते रहे तो पास ही मंजिल का ठिकाना है। पूर्व राष्ट्रपति कलाम को किया याद

उपराज्यपाल ने जम्मू कश्मीर को खुशाहल बनाने के अपने मिशन का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति स्व एपीजे कलाम कहते थे कि लोकतंत्र तभी सुरक्षित और विकसित होता है जब प्रत्येक नागरिक के लिए सुरक्षा, शांति और समृद्धि का वातावरण हो, जब वह पूरी तरह संतुष्ट हो। इसलिए हम प्रत्येक नागरिक के कल्याण को सुनिश्चित बनाने के लिए प्रयासरत हैं।

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