कर्फ्यू में फल-सब्जियों की किल्लत ने बढ़ाई लोगों की परेशानियां

साेमवार दोपहर बाद मिली कर्फ्यू में ढील के दौरान कुछ दुकानें खुली तो सब्जी खरीदी गई। मगर बाजार में ताजा सब्जी उपलब्ध नही।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 05:06 PM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 05:06 PM (IST)
कर्फ्यू में फल-सब्जियों की किल्लत ने बढ़ाई लोगों की परेशानियां
कर्फ्यू में फल-सब्जियों की किल्लत ने बढ़ाई लोगों की परेशानियां

जम्मू, जागरण संवाददाता। पिछले चार दिनों से जारी कर्फ्यू के कारण न ही सब्जियों की आमद हो पा रही है और न ही दुकानें खुल पा रही हैं। शहर में सब्जियों, फल की किल्लत हो गई है। हालांकि दोपहर बाद कर्फ्यू में मिली ढील के बाद लोग दुकानों पर उमड़े और सब्जियों की खरीददारी की। मगर वहां बहुत ही कम सब्जी थी और वो भी महंगे दामों पर बिकी। अधिकांश दुकानें बंद ही नजर आई। क्योंकि उनके पास माल ही नही था। कारोबारियों का कहना था कि बची खुची सब्जी ही बेच रहे हैं। कर्फ्यू के कारण मंडी से माल उनकी दुकानों तक नही पहुंच पाया है।

सब्जी हर घर की जरूरत होती है मगर इसकी उपलब्धता नहीं हो पा रही। सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है जिनकी सब्जियां शहर में आमद नही हो पाई। कर्फ्यू के कारण सोमवार सुबह कई किसानों को सब्जियों समेत वापिस घरों को वापिस लौटना पड़ा। उनके वाहन को शहर की ओर जाने की इजाजत नही दी गई। हालांकि साइकिल से सब्जी बेचने वाले किसी तरह शहरी की गलियों में पहुंचे और लोगों की जरूरत को पूरा करने का प्रयास किया। वहीं शहर के बाहरी हिस्सों में भी किसी तरह से सब्जी वाले कहीं कहीं पहुंचे मगर इससे सबकी जरूरत पूरी नही हो पाई। उपर से दाम भीर मनमाने बसूले जा रहे हैं। दूध, ब्रेड जैसे जरूरी सामान के लिए भी लोगों को परेशान उठानी पड़ रही है। नई बस्ती के रहने वाले कपिल कुमार का कहना है कि पिछले तीन दिनों से सब्जी घर में है ही नही।

साेमवार दोपहर बाद मिली कर्फ्यू में ढील के दौरान कुछ दुकानें खुली तो सब्जी खरीदी गई। मगर बाजार में ताजा सब्जी उपलब्ध नही। वहीं शालामार निवासी कमल कुमार ने कहा कि सब्जी तो शहर में है ही नही। कर्फ्यू में मिली ढील के बाद कई दुकानों पर जाकर जरूरत की सब्जी का बंदोबस्त करना पड़ा। उन्होंने कामना की कि जल्दी ही कर्फ्यू हटेगा और स्थिति सामान्य बनेगी। वहीं किसान काउंसिल के प्रधान तेजेंद्र सिंह ने प्रशासन से मांग की है कि दूध सब्जियां लेकर शहर आने वाले किसानों को अपने गनतव्य स्थल की जाने दिया जाए। क्योंकि यह लोग लोगों की जरूरत का सामान शहर में पहुंचाते हैं, इनको रोकना उचित नही। 

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