डोगरी को प्रोत्साहित करने वाली 12 शख्सियतें को 'डोगरी संस्था सम्मान'

जागरण संवाददाता, जम्मू : डोगरी साहित्य, कला, संस्कृति एवं भाषा के प्रोत्साहन के लिए कार्य करने वाली

By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 Dec 2019 09:55 AM (IST) Updated:Sat, 21 Dec 2019 09:55 AM (IST)
डोगरी को प्रोत्साहित करने वाली 12 शख्सियतें को 'डोगरी संस्था सम्मान'
डोगरी को प्रोत्साहित करने वाली 12 शख्सियतें को 'डोगरी संस्था सम्मान'

जागरण संवाददाता, जम्मू : डोगरी साहित्य, कला, संस्कृति एवं भाषा के प्रोत्साहन के लिए कार्य करने वाली 12 शख्सियतों को डोगरी संस्था ने 'डोगरी संस्था सम्मान' से सम्मानित किया। डोगरी मान्यता दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम डोगरी संस्था के प्लेटिनम जुबली वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में था।

अभिनव थियेटर में आयोजित इस समारोह में जिन लोगों को सम्मानित किया गया, उनमें पदमश्री डॉ. जितेंद्र ऊधमपुरी, देश बंधु डोगरा नूतन, प्रकाश प्रेमी, डॉ. ओम गोस्वामी, प्रो. वीणा गुप्ता, प्रो. शशि पठानिया, अंजलि शर्मा, ओपी शर्मा, निशिकांत खजूरिया, शाम साजन, बृज मोहन, कुंवर वियोगी मेमोरियल ट्रस्ट की संस्थापक पूनम जम्वाल शामिल थीं। कार्यक्रम के दौरान बृज मोहन द्वारा लिखित डोगरी संस्था का तराना एवं शाम साजन द्वारा संगीतबद्ध संगीत का कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहा। संगीत के इस कार्यक्रम में गुरशरण कौर, मुक्ति ओबराय, अमरजोत चौहान, डॉ. हिमजा मैंगी और सतवीर जम्वाल ने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य अतिथि जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज धर ने सभी सम्मानित शख्सियतों को डोगरी के उत्थान में सराहनीय योगदान देने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि दूसरे संगठनों को भी डोगरी संस्था से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू मिली-जुली संस्कृति का संगम है। यहां भाषा, संस्कृति को पूरा सम्मान मिलता है। इसी तरह एक दूसरे को साथ लेकर चलने से ही संस्कृति का विकास संभव है।

स्वागत भाषण में डोगरी संस्था के अध्यक्ष प्रो. ललित मगोत्रा ने डोगरी संस्था के स्थापना वर्ष 1944 से लेकर अब तक के संक्षिप्त इतिहास एवं कार्यो का विवरण दिया। उन्होंने डोगरी को आ रही चुनौतियों और सरकारी रुझान पर भी प्रकाश डाला। संचालन डोगरी संस्था के महासचिव डॉ. निर्मल विनोद ने किया। आमंत्रित मेहमानों का धन्यवाद उपाध्यक्ष ज्ञानेश्वर शर्मा ने पारित किया। कार्यक्रम में कई गणमान्य कलाकार, साहित्यकार मौजूद थे।

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