नाट्योत्सव: पंच-प्रपंच नाटक से भ्रष्टाचार पर चोट

नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों में जनक खजूरिया मोहन सिंह डा. सुषमा रानी मुख्य थे। संगीत एवं ध्वनि नियंत्रण प्रीतम कटोच ने किया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 25 Apr 2019 04:43 PM (IST) Updated:Thu, 25 Apr 2019 04:43 PM (IST)
नाट्योत्सव: पंच-प्रपंच नाटक से भ्रष्टाचार पर चोट
नाट्योत्सव: पंच-प्रपंच नाटक से भ्रष्टाचार पर चोट

जम्मू, जागरण संवाददाता। नाट्य निर्देशक एवं रंगकर्मी स्व. कवि रतन की याद में आयोजित नाट्योत्सव में बुधवार को मोहन सिंह के लिखे एवं निर्देशित डोगरी नाटक पंच-प्रपंच के मंचन किया गया।

डुग्गर मंच की ओर अभिनव थियेटर में मंचित इस नाटक में दर्शाया गया कि अगर लूट खसूट, भ्रष्टाचार, आपस में लड़ाने वाले नेताओं से छुटकारा पाना है तो हमें अपने पर भरोसा करना पड़ेगा। अपने अंदर के इंसान को जगाना होगा। नाटक में दर्शाया गया कि अगर हम जागरूक नहीं होंगे तो नेता इसी तरह हमारा शोषण करते रहेंगे।

नाटक के माध्यम से वर्तमान समाज का चित्रण किया गया, जिसमें दर्शाया गया कि आज अधिकतर लोग पैसे की अंधी दौड़ में लगे हुए हैं। नाटक का मुख्य अभिनेता सिद्धांतवादी है। उसका मानना है कि आप बदलाव चाहते हैं या नहीं, यह आप पर निर्भर है। नाटक के माध्यम से दर्शाया गया कि भ्रष्टाचार की जड़ें ऊपर से नीचे की ओर जाती हैं। अगर ऊपर वालों की नकेल नहीं कसी जाती तो भ्रष्टाचार पर अंकुश संभव नहीं है।

नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों में जनक खजूरिया, मोहन सिंह, डा. सुषमा रानी मुख्य थे। संगीत एवं ध्वनि नियंत्रण प्रीतम कटोच ने किया। प्रकाश व्यवस्था पंकज शर्मा ने की। सेट एवं मेकअप शिव देव सिंह ने किया। कास्टयूम शिव देव सिंह सुशील ने डिजाइन किया। नाट्योत्सव का आयोजन एम्च्योर थियेटर ग्रुप और यूनिसन कल्चरल ट्रूप की ओर से किया गया।आमंत्रित मेहमानों का धन्यवाद करते हुए वरिष्ठ नाट्य निर्देशक मुश्ताक काक ने सभी कलाकारों की सराहना की उन्होंने सभी को वीरवार को मंचित होने वाले नाटक डाक घर देखने के लिए आमंत्रित किया।

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