जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए पाक प्रायोजित आतंकी संगठनों ने हाथ मिलाए: डीजीपी

जम्मू कश्मीर में माहौल को फिर बिगाड़ने के लिए पाक प्रायोजित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा ने आपस में हाथ मिला लिए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 19 Jun 2020 02:06 PM (IST) Updated:Fri, 19 Jun 2020 03:02 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए पाक प्रायोजित आतंकी संगठनों ने हाथ मिलाए: डीजीपी
जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए पाक प्रायोजित आतंकी संगठनों ने हाथ मिलाए: डीजीपी

श्रीनगर, जेएनएन। पाकिस्तान और उसकी शरण में बैठे आतंकवादी संगठनों के आकाओं को जम्मू-कश्मीर में सुधरते हालात बर्दाश्त नहीं हो रहे हैं। यही वजह है कि यहां माहौल को फिर बिगाड़ने के लिए पाक प्रायोजित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा ने आपस में हाथ मिला लिए हैं। यही नहीं पाकिस्तानी सेना भी इन संगठनों में शामिल आतंकवादियों को भारतीय सीमा में धकेलने के लिए पूरा प्रयास कर रही है।

डीजीपी पुलिस दिलबाग सिंह ने यह बात अवंतीपोरा और शोपियां मुठभेड़ के दौरान मारे गए आठ आतंकवादियों के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पाक सेना जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर स्थित भारतीय नागरिक बस्तियों और सैन्य ठिकानों पर नियमित तौर पर गोलाबारी कर रही है। इस समय भी नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी सेना की निगरानी में लांचिंग पैड पर करीब 300 आतंकी घुसपैठ के लिए मौके की तलाश में हैं। बीते तीन माह का अनुभव बता रहा है कि पाकिस्तानी सेना और उसके इशारे पर चलने वाले आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए हताश हैं।

डीजीपी ने कहा कि यह मेरे लिए बड़ी खुशी की बात है कि पिछले साल और इस साल के अभी तक छह महीने शांतिपूर्वक रहे हैं। हमने मुठभेड़ वाले स्थलों में कानून और व्यवस्था की स्थिति को अच्छे तरीके से संभाला है। यह सिर्फ स्थानीय लोगों के सहयोग के कारण ही संभव हो पाया है।

वहीं जीओसी 15 कोर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हमने दो दिन चली इन दो अलग-अलग मुठभेड़ों में आठ आतंकियों को मार गिराया है। जीओसी ने कहा कि स्थानीय आतंकवादी के मारे जाने पर सेना को कोई खुशी नहीं होती लेकिन हमारे पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं होता। इससे बचने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। हम आतंकवादी बने स्थानीय युवकों को मुख्यधारा में वापस लाने का प्रयास करते हैं। मुठभेड़ के दौरान भी उन्हें आत्मसमर्पण का पूरा मौका दिया जाता है। हम नागरिक प्रशासन व अन्य लोगों की मदद से आतंकी संगठनों में नई भर्ती रोकने का भी प्रयास कर रहे हैं। पिछले दिनों हमने कुछ ऐसे लोगों को भी पकड़ा है जो स्थानीय युवओं को आतंकी संगठनों में भर्ती होने के लिए उकसाते थे। ये प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने यह भी बताया कि लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच बने तनाव का पाकिस्तान फायदा उठाने की ताक में है। वह कश्मीर घाटी में ज्यादा से ज्यादा आतंकियों की घुसपैठ कराने का प्रयास करेगा। इसलिए पुलिस को अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर दुश्मन के हर मंसूबे को नाकाम बनाना है। आतंकी अल्पसंख्यकों और धर्मस्थलों को भी निशाना बना सकते हैं। इसलिए सभी पुलिस अधिकारी पूरी एहतियात बरतें। अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए स्थापित चौकियों की लगातार समीक्षा की जाए। धर्मस्थलों की सुरक्षा को भी बढ़ाया जाए। बीते तीन माह का अनुभव बता रहा है कि पाकिस्तानी सेना और उसके इशारे पर चलने वाले आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए हताश हैं।

लांचिंग पैड पर करीब 300 आतंकी घुसपैठ के लिए मौके की तलाश में 

कोरोना महामारी से पैदा संकट के बावजूद पाक सेना जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर स्थित भारतीय नागरिक बस्तियों और सैन्य ठिकानों पर नियमित तौर पर गोलाबारी कर रही है। इस समय भी नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी सेना की निगरानी में लांचिंग पैड पर करीब 300 आतंकी घुसपैठ के लिए मौके की तलाश में हैं। पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के भीतरी भागों विशेषकर घाटी में आतंकी हिंसा में भी तेजी लाएगा। हमें पाकिस्तान से सटे अपने इलाकों में विशेष एहतियात बरतना है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तान में बैठे जैश, लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों ने कश्मीर में अफरा-तफरी मचाने के लिए हाथ मिलाया है। हमें आतंकियों के खिलाफ अभियान और तेज करना है।

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