डीसी कठुआ ने गोलाबारी के बीच मनयारी गांव में गुजारी रात, कहा सीमांत लोग भी जवानों से कम नहीं

सुबह गोलीबारी थमने के बाद डीसी ने गांव छोड़ने से पहले गोलाबारी से प्रभावित घरों के नुकसान का जायजा लिया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 03 Oct 2019 02:13 PM (IST) Updated:Thu, 03 Oct 2019 03:33 PM (IST)
डीसी कठुआ ने गोलाबारी के बीच मनयारी गांव में गुजारी रात, कहा सीमांत लोग भी जवानों से कम नहीं
डीसी कठुआ ने गोलाबारी के बीच मनयारी गांव में गुजारी रात, कहा सीमांत लोग भी जवानों से कम नहीं

कठुआ, जागरण संवाददाता। देश की खातिर सीमा पर लड़ने वाले जवान जितने बहादुर है, उतने ही साहसी व देशभक्त सीमांत इलाकों में रहने वाले वे आम नागरिक भी हैं, जो गोलाबारी के बीच अपने घरों में डटे रहकर जवानों का मनोबल बढ़ाते हैं। एक रात गोलाबारी के बीच आम नागरिकों के साथ रात गुजारकर मुझे यह तो स्पष्ट हो गया है कि यह आसान नहीं है। पर प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते में सीमांत इलाकों को यह अवश्य यकीन दिलाना हैं कि उनकी मदद व उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए सरकार हमेशा तैयार है।

डीसी कठुआ डॉ राघव लंगर ने कल रात मनयारी गांव में गुजारी। दरअसल पाकिस्तान पिछले कुछ दिनों से हीरानगर के सीमांत गांव मनयारी में अकारण गोलाबारी कर रहा है। इस गोलाबारी के कारण क्षेत्र में खौफ तो है परंतु उसके बावजूद यहां के गांववासी सेना के साथ डटे हुए हैं। गोलाबारी के दैरान वहां के हालात जानने के लिए बुधवार रात को डीसी कठुआ गांव मनयारी पहुंच गए। वहां के लोगों व स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें खतरे से अवगत कराया परंतु उसके बावजूद उन्होंने लोगों के बीच रात गुजारने की ख्वाहिश जाहिर की। बस फिर क्या था जैसे ही शाम के 8.00 बजे पाकिस्तानी सैनिकों ने मनयारी गांव के आम नागरिकों के घरों को निशाना बनाते हुए गोलाबारी शुरू कर दी। भारतीय जवानों ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया परंतु गोलाबारी का यह सिलसिला जारी रहा।

गोलाबारी शुरू होते ही गांव में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। इस बीच स्थानीय निवासी यशपाल के कच्चे घर में गिरे पाकिस्तानी शैल से आग लग गई। घर को आग की चपेट में देख मुहल्ले में होहहल्ला मच गया। पशु बाड़े में बंदी 25 बकरियों को किसी तरह बचा लिया गया। इसी दौरान चौकीदार शाम लाल के घर का दरवाजा चीरते हुए सीमा पार से आई गोली अंदर पड़ी टीन की पेटी में जा धंसी। यह तो गनिमत थी कि परिवार के सभी सदस्य बंकर में शरण लिए हुए थे। वे इस बात अनजान थे। गोली के कारण पेटी में आग लग गई जिस कारण उसमें रखा सारा सामान स्वाह हो गया। इसी गांव में रहने वाला गुज्जर सईद अली की भेंस को भी सीमा पार से आई गोली ने जख्मी कर दिया।

गोलाबारी का यह दौर सुबह साढ़े चार बजे तक चला। करीब एक दर्जन घरों के अलावा मनयारी मिडिल स्कूल की दीवारों को भी गोलियां लगी। हालांकि किसी का भी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ। डीसी लंगर की मौजूदगी में रात भर हुई भारी गोलाबारी ने उन्हें यह एहसास अवश्य करा दिया कि घरों में बैठे लोग भी सुरक्षित नहीं हैं। सुबह गोलीबारी थमने के बाद डीसी ने गांव छोड़ने से पहले गोलाबारी से प्रभावित घरों के नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने सीमांत गांववासियों को आश्वासन दिया कि प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रबंध बनाए हुए है। अगर ऐसी स्थिति बनती है तो उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।

उन्होंने इसके बाद बीएसएफ अधिकारियों से भी बैठक कर हालात का जायजा लिया। बीएसएफ अधिकारियों ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। सीमा के साथ-साथ गांववासियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जा रहा है। उन्हें हिदायत दी गई है कि गोलाबारी शुरू होते ही वे तुरंत बंकर में चले जाएं। डीसी कठुआ से स्थिति की जानकारी मिलने पर डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा भी हीरानगर में पहुंच रहे हैं। वह लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए पुलिस, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से बैठक करेंगे। 

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