ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर को लेकर उच्च न्यायालय की अंतिम चेतावनी

चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सिधु शर्मा की खंडपीठ ने प्रशासन के रवैये पर अफसोस जाहिर किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 31 Dec 2019 08:44 AM (IST) Updated:Tue, 31 Dec 2019 08:44 AM (IST)
ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर को लेकर उच्च न्यायालय की अंतिम चेतावनी
ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर को लेकर उच्च न्यायालय की अंतिम चेतावनी

जेएनएफ, जम्मू : जम्मू कश्मीर में ड्रग डी एडिक्शन सेंटर स्थापित करने को लेकर राज्य उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासन को सेंटर की अंतिम रूप रेखा बनाने को कहा है। चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सिधु शर्मा की खंडपीठ ने प्रशासन के रवैये पर अफसोस जाहिर किया। उन्होंने कहाकि मामले की अगली सुनवाई के दौरान सरकार यह स्पष्ट पाए गए ड्रग डी एडिक्शन सेंटर स्थापित करने को लेकर क्या योजना है? सेंटर की भू-गोलिक स्थिति क्या होगी? सेंटर को कहा स्थापित किया जाएगा। उच्च न्यायालय ने आठ सप्ताह के भीतर जबाव देने को कहा है। मामले की सुनवाई के दौरान अप्रैल 2018 में भी उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार को ड्रग डी एडिक्शन सेंटर स्थापित करने को कहा था। स्वास्थ विभाग ने 26 सितंबर 2019 को उच्च न्यायालय में हल्फनामा देकर यह बताया था कि प्रदेश के दो लाख लोगों को ड्रग डी एक्डिशन सेंटर की दरकार है। कई बार भारत सरकार के समाज कल्याण मंत्रालय और महिला सशक्तिकरण विभाग ने भी सेंटर स्थापित करने की जरूरत पर बल दिया है। खंडपीठ ने यह भी कहाकि यदि अगली सुनवाई में रिपोर्ट पेश नहीं की जाती है तो समाज कल्याण विभग के निदेशक, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव, महिला सशक्तिकरण विभाग के अधिकारी को स्वयं न्यायालय में पेश होना होगा। न्यायालय ने कहाकि मंडलायुक्त कश्मीर से मादक पदार्थ के सेवन को लेकर अभियान चलाया है। जिसके तहत श्रीनगर और बारामुला जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए गए है। इसी प्रकार का एक्शन प्लान जम्मू संभाग के लिए भी जरूरी है। न्यायालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव को मामले में हस्तक्षेप करने को कहा।

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