Coronavirus in Jammu: जीएमसी में मरने वालों में आधे से अधिक मरीजों में डबल म्यूटेंट की पुष्टि

जीएमसी की प्रिंसिपल डा. सूदन का कहना है कि जिनोम स्टडी के लिए जीएमसी जम्मू से भी संक्रमितों के सैंपल लगातार भेजे गए हैं। जब कोविड 19 संक्रमण का एनालिसेस किया गया तो इनकी रिपोर्ट में यह सामने आया है कि जम्मू में कई वेरिएंट हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 12:37 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 12:37 PM (IST)
Coronavirus in Jammu: जीएमसी में मरने वालों में आधे से अधिक मरीजों में डबल म्यूटेंट की पुष्टि
सिर्फ 2.247 फीसद ही ऐसे मरीज थे जिनमें कोई भी म्यूटेंट नहीं मिला।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर में कोरोना की दूसरी लहर के कारण बहुत से मरीजों की मौत हुई। विशेषतौर पर राजकीय मेडिकल कालेज व सहायक अस्पतालों में ही नौ सौ से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है। अब इन मौतों का कारण डबल म्यूटेंट बी.1.617.2 को बताया जा रहा है। जीएमसी की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि युवाओं सहित अन्य मरीजों की मौत का कारण डबल म्यूटेंट बी.1.617.2 ही है।

जीएमसी की प्रिंसिपल डा. सूदन का कहना है कि जिनोम स्टडी के लिए जीएमसी जम्मू से भी संक्रमितों के सैंपल लगातार भेजे गए हैं। जब कोविड 19 संक्रमण का एनालिसेस किया गया तो इनकी रिपोर्ट में यह सामने आया है कि जम्मू में कई वेरिएंट हैं। डा. सूदन ने कहा कि मई महीने में अचानक से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ना और मौत का ग्राफ भी तेजी के साथ बढ़ना चिंता का विषय था।

मेडिकल कालेज जम्मू के माइक्रोबायालोजी विभाग ने नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल दिल्ली को कई सैंपल जिनोम स्टडी के लिए भेजे। इनकी रिपोर्ट में यह सामने आया है कि कुल सैंपलों में से 68.5 फीसद में डबल म्यूटेंट बी.1.617.2 पाया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस म्यूटेंट को खतरनाक और चिंता का विषय करार दिया है। प्रिंसिपल ने कहा कि राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू के हाई डिपैेंडेंसी वार्ड में मरने वाले 62.5 फीसद मरीजों में डबल म्यूटेंट बी.1.617.2 की पुष्टि हुई। इनमें बहुत से मरीज युवा भी थे।

प्रिंसिपल डा. शशि सूदन का कहना है कि भर्ती होने वाले कुल मरीजों में 58.4 फीसद में डबल म्यूटेंट बी.1.617.2 पाया गया। 22.47 फीसद में बी.1 म्यूटेशन, 6.74 फीसद में बी.1.1 म्यूटेशन, 3.37 फीसद में बी.1.617.1 वेरिएंट और 1.1 फीसद में बी.1.1.7 यूके वेरिएंट पाया गया। सिर्फ 2.247 फीसद ही ऐसे मरीज थे जिनमें कोई भी म्यूटेंट नहीं मिला।

मई महीने में हुई थी तबाही: जम्मू-कश्मीर में मई महीने में रिकार्ड कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी। इस महीने 1624 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई। इनमें से 589 मौतें तो सिर्फ जम्मू जिले में हुई जो कि कुल मौतों का 41 फीसद था। इसके बाद श्रीनगर जिले में 235 मौत हुई। एक लाख से अधिक लोग इस महीने संक्रमित हुए थे। 

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