कोरोना से घटी पेट्रोल-डीजल की खपत, जम्मू-कश्मीर में 50 फीसद कम हो गया वाहनों में ईंधन का इस्तेमाल

आम दिनों में पेट्रोल की खपत औसतन 1100 किलो लीटर रहती है जबकि डीजल की प्रतिदिन खपत 1600 किलो लीटर रहती है लेकिन अब पेट्रोल की औसतन प्रतिदिन खपत 400 किलो लीटर रह गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 01:00 PM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 01:00 PM (IST)
कोरोना से घटी पेट्रोल-डीजल की खपत, जम्मू-कश्मीर में 50 फीसद कम हो गया वाहनों में ईंधन का इस्तेमाल
कोरोना से घटी पेट्रोल-डीजल की खपत, जम्मू-कश्मीर में 50 फीसद कम हो गया वाहनों में ईंधन का इस्तेमाल

जम्मू, जागरण संवाददाता : कोरोना के खतरे को देखते हुए घोषित लॉकडाउन में हर कोई घरों में कैद है। आवश्यक वस्तुओं से जुड़े सरकारी विभाग व दुकानदारों के अलावा केवल प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस की मूवमेंट ही हो रही है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में वाहनों में इस्तेमाल हो रहे पेट्रोल-डीजल की खपत पचास फीसद नीचे आ गई है। हालांकि सभी पेट्रोल पंप खुले हैं लेकिन सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बंद होने से खपत कम हुई है। ऐसे में यह तय है कि चौदह अप्रैल तक यह खपत यूं ही सामान्य से आधी रहेगी।

जम्मू-कश्मीर में हिंन्दोस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड व भारत पेट्रोलियम की ओर से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई की जाती है। इन तीनों कंपनियों के जम्मू रेलवे स्टेशन के निकट गोदाम हैं जहां से जम्मू-कश्मीर के हर हिस्से में सप्लाई टैंकरों से होती है। लॉकडाउन के दौरान टैंकरों की मूवमेंट जारी है लेकिन मांग कम होने के कारण सप्लाई आधे से भी कम है। जम्मू-कश्मीर में आम दिनों में पेट्रोल की खपत औसतन 1100 किलो लीटर रहती है जबकि डीजल की प्रतिदिन खपत 1600 किलो लीटर रहती है लेकिन मौजूदा हालात में पेट्रोल की औसतन प्रतिदिन खपत 400 किलो लीटर रह गई है। इसी प्रकार मौजूदा समय में डीजल की प्रतिदिन औसतन खपत कम होकर 700 किलो लीटर पहुंच गई है।

इंडेन के जम्मू डिवीजनल ऑफिस के डीजीएम राजीव यादव के अनुसार लॉकडाउन में यात्री वाहनों के अलावा सभी सामान्य वाहन सड़कों से नदारद हैं। मौजूदा समय में पूरे देश में पेट्रोल-डीजल की मांग कम हुई है। कोरना वायरस के संकट के कारण जम्मू-कश्मीर में भी यही हालात हैं। वाहन न चलने ईंधन की खपत कम है।

किल्लत की आशंका में रसोई गैस की खपत 15 फीसद बढ़ी : एक ओर जहां पेट्रोल और डीजल की खपत में कमी आई हैं, वहीं रसोई गैस की खपत 10 से 15 फीसद तक बढ़ गई है। लॉकडाउन के कारण लोगों को आशंका है कि कहीं रसोई गैस की सप्लाई पर संकट न आ जाए। इसलिए लोग एडवांस बुकिंग कराकर गैस का इंतजाम करके चल रहे हैं।

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