यूरोपीय संघ से बेग, अंसारी, उस्मान की मुलाकात ने रियासत की सियासत में बढ़ाई दी हलचल

पीडीपी संरक्षक और पूर्व सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग ने इस मुलाकात पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैं राज्यसरकार की अनुमति से ही दिल्ली गया था।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 29 Oct 2019 01:50 PM (IST) Updated:Tue, 29 Oct 2019 01:50 PM (IST)
यूरोपीय संघ से बेग, अंसारी, उस्मान की मुलाकात ने रियासत की सियासत में बढ़ाई दी हलचल
यूरोपीय संघ से बेग, अंसारी, उस्मान की मुलाकात ने रियासत की सियासत में बढ़ाई दी हलचल

जम्मू, राज्य ब्यूरो। यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर आगमन से पूर्व दिल्ली में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस और पीपुल्स कांफ्रेंस के नेताओं की मुलाकात से रियासत की सियासत भी तेज हो गई है। इन नेताओं की मुलाकात को कश्मीर में हालात सामान्य बनाने और राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा की जा रही कवायद के सफल होने के संकेत के तौर पर लिया जा रहा है। पीडीपी ने हालांकि साफ कर दिया कि उसका जो भी नेता यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल से मिला है, अपनी निजी हेसियत से मिला है। पीडीपी का इस मुलाकात से कोई सरोकार नहीं है। अलबत्ता, कांग्रेस और पीपुल्स कांफ्रेंस ने अपने नेताओं की मुलाकात पर चुप्पी साध रखी है।

गौरतलब है कि पांच अगस्त के बाद कश्मीर का दौरा करने वाला यूरोपीय संघ का यह प्रतिनिधिमंडल कोई पहला विदेशी दल है। इस दल में 23 सदस्य शामिल हैं। आज सुबह कश्मीर आने से पूर्व यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने गत सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडु और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी मुलाकात की है। यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के साथ गत सोमवार को आयोजित बैठक में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल पूर्व सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग, पीपुल्स कांफ्रेंस के इमरान रजा अंसारी,प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्वमंत्री उस्मान मजीद, पूर्व शिक्षामंत्री अल्ताफ बुखारी और कश्मीर भाजपाके वरिष्ठ नेता खालिद जहांगीर ने मुलाकात की है। अल्ताफ बुखारी भी पहले पीडीपी में ही थे।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों को कश्मीर दौरे की अनुमति देने पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इन लोगों को सिर्फ मुस्लिमों के प्रति उनकी नफरतभरी सोच के कारण ही कश्मीर दौरे की अनुमति दी गई है। कांग्रेस ने इस दौरे को कश्मीर मामले में तीसरे पक्ष के हस्ताक्षेप के साथ जोड़ते हुए इसका विरोध किया है। अलबत्ता, इन दोनों दलों द्वारा जब यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के कश्मीर दौरे की निंदा की ज रही थी तो इन्हीं दलों के कई नेता यूरोपीय प्रतिनिधियों से मिल रहे थे।

पीडीपी संरक्षक और पूर्व सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग ने इस मुलाकात पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैं राज्यसरकार की अनुमति से ही दिल्ली गया था। मुझे यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने ही बुलाया था। वह शायद आज भी मुझे सांसद मानते होंगे, इसलिए बुलाया था। खैर मैं इन लोगों से बतौर पीडीपी नेता नहीं मिला हूं। मैं निजी हैसियत से और एक कश्मीरी की हैसयित सेही वहां था। मैं उन्हें बताया कि कश्मीरियों के साथ क्या हुआहै,कश्मीरी किस पीड़ा से गुजर रहा है, यह बताया है। हमने उनसे कहा कि कश्मीर मसले को शिमला समझौते के अनुरुप ही भारत पाकिस्तान को हल करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।

यूरोपीय संघ के रवैये के बारे में पूछे जाने पर बेग ने कहा कि जहां तक मैं समझ पाया हूं, उसे कश्मीर के अांतरिक हालात और पहलुओं से कोई ज्यादा सरोकार नहीं है। वह इसके अंतरराष्ट्रीय और बाहरी पहलुओं पर ही केंद्रित है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व पर सवाल उठाने के बाद सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस का हिस्सा बनने वाले इमरान रजा अंसारी ने कहा कि हम लोग सिर्फ यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों से मिले हैं। हमारी उनके साथ कश्मीर मुद्दे पर जो बातचीत हुई है, उसमें हमने उन्हें कश्मीरियों के रुख के बारे में बताया है। हमने बताया कि कश्मीर मसले को एक मानवीय मुद्दे के तौर पर हल किया जाना चाहिए। कश्मीर में जो पाबंदियां हैं, उन्हें हटाया जाए। आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी बातचीत हुई है।

कांग्रेस नेता उस्मान मजीद ने कहा कि आज यूरोपीय संघ के लोग कश्मीर पहुंच गए हैं, वह आज खुद घाटी के हालात को देखेंगे और समझेंगे। सोमवार को हमारी जो मुलाकात हुई है,वह कोई चोरी छिपे नहीं थी। मै इस बैठक में बतौर कश्मीरी शामिल हुआ हूं। मुझे बुलाया गया था और मैं गया। मैने कश्मीर के मौजूदा हालात पर उनके साथ विचार विमर्शकियाहै। इसके अलावा मेरी कोई दूसरी बातचीत नहीं हुई है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से निष्कासित पूर्व शिक्षा मंत्री सईद अल्ताफ बुखारी से जब इस संदर्भ में संपर्क करने का प्रयास किया गया तो वह उपलब्ध नहीं हो पाए। कश्मीर मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार युसुफ जमील ने कहा कि यहां कश्मीर में राज्य सरकार ने सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं को एहतियातन हिरासत में रखा हुआ है। जिन्हें रिहा किया गया है, उन्हें कश्मीर मुद्दे पर, अनुच्छेद 370 पर खुलकर बात करने की इजाजत नहीं है। ऐसे में पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस और कांग्रेस के कुछ खास नेताओं की दिल्ली में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के साथ एक समारोह और बैठक में मौजूदगी को महज संयोग नहीं कहा जा सकता। वह भी तब जब पूरा विपक्ष इस दौरे पर एतराज जता रहा हो। आप ऐसा कह सकते हैं कि केंद्र सरकार ने कश्मीर में हालात सामान्य बनाने और मुख्यधारा की सियासी गतिविधियों को शुरु करने के लिए पीडीपी, कांग्रेस, पीपुल्स कांफ्रेंस समेत अन्य कई दलों के नेताओं के साथ संपर्क-संवाद का चैनल बहाल किया होगा।

पीडीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व एमएलसी फिरदौस टाक ने कहा कि मुजफ्फर हुसैन बेग का यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों से मिलना, मतलब पीडीपी की मुलाकात नहीं है। यह उनकी अपनी निजी मुलाकात है। पीडीपी का स्टैंड स्पष्ट है। केंद्र सरकार कश्मीर के सही हालात को छिपाने के लिए जो बार बार सामान्य स्थिति का ढोल बजा रही है, ड्रामा कर रही है,पीडीपी उसका हिस्सा नहीं बन सकती। इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो दबाव भारत पर बना हुआ है, उससे बचने के लिए ही दिल्ली किसी तरह से कश्मीर के हालात काे सामान्य बताना चाहती है,जबकि कश्मीर में हालात ठीक नहीं है। लोगों में बहुत गुस्सा है। हम उम्मीद करेंगे कि यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि कश्मीर की असलियत को समझेंगे।

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