Lok Sabha Election 2019: जम्मू-कश्मीर में गठजोड़ के प्रयास तेज, तीन-तीन पर बन सकती है सहमति

कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठजोड़ करने की इच्छुक है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गठबंधन को लेकर नेकां के साथ संपर्क में हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Mar 2019 12:27 PM (IST) Updated:Thu, 14 Mar 2019 12:27 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: जम्मू-कश्मीर में गठजोड़ के प्रयास तेज, तीन-तीन पर बन सकती है सहमति
Lok Sabha Election 2019: जम्मू-कश्मीर में गठजोड़ के प्रयास तेज, तीन-तीन पर बन सकती है सहमति

जम्मू, राज्य ब्यूरो। संसदीय चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन की कोशिशें तेज हो गई हैं। नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-पुंछ संसदीय सीट से पूर्व मुख्य सचिव बीआर कुंडल, श्रीनगर से डॉ. फारूक अब्दुल्ला व बारामुला से मोहम्मद अकबर लोन को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लगभग ले लिया है, लेकिन अन्य तीन सीटों पर अभी कोई उम्मीदवार तय नहीं किया है।

वहीं, कांग्रेस ने अभी किसी सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठजोड़ करने की इच्छुक है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गठबंधन को लेकर नेकां के साथ संपर्क में हैं। उम्मीदवारों के नाम पर विचार विमर्श करने के लिए इस समय प्रदेश प्रधान जीए मीर दिल्ली में हैं।

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस चाहती है कि जम्मू-पुंछ, ऊधमपुर-डोडा, अनंतनाग और लद्दाख की सीट उसे दे दी जाए और नेकां अपने पास श्रीनगर और बारामुला की सीट रख ले। हालांकि नेकां ने जम्मू पुंछ से अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस और नेकां के बीच तीन-तीन सीटों पर सहमति बन सकती है। ऊधमपुर-डोडा से कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व सदर-ए-रियासत के बेटे विक्रमादित्य ङ्क्षसह हो सकते हैं।

महबूबा मुफ्ती के त्यागपत्र देने से अनंतनाग सीट जब खाली हुई थी तो उस समय जीए मीर को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था। मीर ने अनंतनाग सीट पर काफी प्रचार भी किया था, लेकिन सुरक्षा हालात के कारण चुनाव नहीं हो पाए। कांग्रेस मानती है कि अनंतनाग सीट पर कांग्रेस के मीर एक सशक्त उम्मीदवार बन सकते हैं। लद्दाख सीट पर अभी उम्मीदवार तय तो नहीं हुए, लेकिन कांग्रेस के पास नावांग रिगजिन जोरा और असगर करबलाई जैसे नेता मौजूद हैं। सूत्र बताते हैं कि गठबंधन का रास्ता निकालने की कोशिशें जारी हैं। चंद दिनों में सारी स्थिति साफ हो जाएगी।

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