कश्मीर संभाग में ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षाएं अपने-अपने स्कूलों में ही होंगी

जम्मू कश्मीर शिक्षा बोर्ड की अर्ध वार्षिक दसवीं कक्षा के सोशल साइंस का पेपर अब 26 नवंबर को होगा। पहले इस परीक्षा को 8 नवंबर को करवाया जाना था लेकिन कुछ कारणों के चलते परीक्षा को स्थगित करना पड़ा था। बोर्ड ने परीक्षा की नई तिथि की अधिसूचना जारी

By VikasEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 08:23 PM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 08:23 PM (IST)
कश्मीर संभाग में ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षाएं अपने-अपने स्कूलों में ही होंगी
जम्मू कश्मीर शिक्षा बोर्ड की अर्ध वार्षिक दसवीं कक्षा के सोशल साइंस का पेपर अब 26 नवंबर को होगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू कश्मीर बोर्ड आॅफ स्कूल एजूकेशन के कश्मीर संभाग और जम्मू संभाग के विंटर जोन की ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षा के लिए अलग से परीक्षा केंद्र नहीं बनेंगे। इसके लिए विद्यार्थी अपने अपने स्कूलों में परीक्षा देंगे। यह छूट सिर्फ इस अकादमिक सत्र के लिए ही मानी जाएगी।

परीक्षा का सुपरवाइजरी स्टाफ संबंधित स्कूल स्वयं ही तैनात करेंगे 

बोर्ड के अकादमिक निदेशक डा. फारूक अहमद पीर की तरफ से जारी आदेश के अनुसार परीक्षा का सुपरवाइजरी स्टाफ संबंधित स्कूल स्वयं ही तैनात करेंगे और इसकी जानकारी बोर्ड को देंगे। विद्यार्थियों के लिए एडमिट कार्ड बोर्ड तैयार करेगा। उत्तर पुस्तिकाएं व अन्य संबंधित मैटेरियल बोर्ड की तरफ से ही उपलब्ध करवाया जाएगा। उत्तर पुस्तिकाओं की चेकिंग का काम बोर्ड ही करेगा। प्रश्नपत्रों को संबंधित पुलिस स्टेशनों में सुरक्षित रखने का काम भी बोर्ड ही करेगा।

अब 26 नवंबर को होगा दसवीं कक्षा का सोशल साइंस का पेपर

जम्मू कश्मीर शिक्षा बोर्ड की अर्ध वार्षिक दसवीं कक्षा के सोशल साइंस का पेपर अब 26 नवंबर को होगा। पहले इस परीक्षा को 8 नवंबर को करवाया जाना था लेकिन कुछ कारणों के चलते परीक्षा को स्थगित करना पड़ा था। बोर्ड ने परीक्षा की नई तिथि की अधिसूचना जारी कर दी है।परीक्षा तय समय पर 26 नवंबर वीरवार को होगी। बोर्ड के अनुसार परीक्षा केंद्र भी वहीं रहेंगे जहां बच्चे पहले परीक्षा दे रहे थे।सोशल साइंस की परीक्षा देने के लिए विद्यार्थी गत आठ नवंबर को रणबीर हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंच गए थे। वहां पहुंचने पर विद्यार्थियों को परीक्षा रद्द होने की सूचना मिली थी। इससे नाराज होकर उन्होंने वहां पर प्रदर्शन भी किया था। उनका कहना था कि बोर्ड को ऐसी लापरवाही नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि परीक्षा देने के लिए काफी दूर-दूर से विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्रों में आना पड़ता है।

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