Jammu Kashmir: PoK के आतंकी शिविरों में चीन, आतंकवाद को वित्तीय खुराक देने की साजिश
चीन सेना के अफसरों ने आतंकी संगठनों और आइएसआइ से की गुप्त मंत्रणा की और नियंत्रण रेखा पर कई लॉन्चिंग पैड का दौरा भी किया।
श्रीनगर, नवीन नवाज। पूर्वी लद्दाख में अपनी साजिशें सफल न होते देख चीन अब गुलाम कश्मीर (PoK) से आतंकी गतिविधियों को हवा देने की साजिश में खुलकर पाकिस्तान के साथ आ गया है। अपनी इस साजिश के तहत चीनी सेना के अधिकारी न केवल गुलाम कश्मीर में आतंकी शिविरों में देखे गए, बल्कि पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर आतंकी संगठनों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। चीन अब आतंकी संगठनों को पैसा और हथियार भी प्रदान करेगा।
सूत्रों ने बताया कि सभी जानते हैं कि चीन बीते एक दशक से गुलाम कश्मीर में दखलअंदाजी कर रहा है। वह वहां सड़क, बांध और पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण के साथ साथ पाकिस्तानी सेना की भी मदद कर रहा है। सभी इससे अवगत हैं कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद के मामले पर चीन अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के साथ खड़ा दिखाई दिया था। पर अब बात उससे कहीं आगे बढ़ रही है। अब आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों में चीन के सैन्य अधिकारियों की आवाजाही देखी जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि कोरोना काल में चीन पर कसते शिकंजे के कारण चीन पूरी तरह से बौखलाया हुआ है। ऐसे में जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को हवा देने व अफरातफरी फैलाने में अब वह खुलकर पाकिस्तान का साथ दे रहा है। उन्होंने बताया कि बीते माह चीनी सेना के अधिकारियों का एक दल हाल में गुलाम कश्मीर में आया था। इस दल के साथ पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा लश्कर, हिजबुल और जैश के प्रमुख कमांडरों से बैठक की है। बैठक में सिर्फ चुनिंदा आतंकी कमांडर ही बुलाए गए थे। बाद में चीनी अधिकारियों ने आइएसआइ के अधिकारियों के साथ गुलाम कश्मीर के अग्रिम छोर पर स्थित आतंकियों के तीन से चार लॉन्चिंग पैड और कुछ ट्रेनिंग कैंपों का भी दौरा किया है।
इसके अलावा यह दल गुलाम कश्मीर के दुदनियाल में भी गया था। यह वही स्थान है जहां फरवरी से अप्रैल माह के बीच भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के विभिन्न प्रतिष्ठानों और आतंकी ठिकानों को अपनी जवाबी कार्रवाई में व्यापक नुकसान पहुंचाया है। इस क्षेत्र से आतंकी अकसर घुसपैठ का प्रयास करते हैं।
लद्दाख के विवाद के बीच अहम है यह दौराः सूत्रों की मानें तो चीनी अधिकारियाें का गुलाम कश्मीर में दौरे का समय बहुत अहम है। यह दौरान पूर्वी लद्दाख में पैगांग लेक के इलाके में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने आ चुके हैं। मामला टकराव तक पहुंच गया था। ऐसे में पूर्वी लद्दाख ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी अतिक्रमण की साजिशों के साथ चीन ने अब गुलाम कश्मीर के रास्ते घाटी में भी दखल देने की साजिश पर काम शुरू कर दिया है।
अपने नए ट्रेनिंग कैंप बनाने पर भी कर रहा विचारः सूत्रों ने बताया कि चीनी अधिकारियों ने आतंकियों की ट्रेनिंग का जायजा लेते हुए जम्मू-कश्मीर के भीतरी इलाकों में हिंसा मे तेजी लाने की उनकी क्षमता, उनके संगठनात्मक और वित्तीय ढांचे व हथियारों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की है। इसके अलावा आतंकियों के लिए रसायनिक और जैव हथियारों के इस्तेमाल पर भी बातचीत हुई है। सूत्रों की मानें तो चीन जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को सीधे तौर पर भी फंडिंग और हथियार देने का विकल्प अपना सकता है।
इसके अलावा वह आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए कुछ आतंकियों को अपने सैनिकों के साथ या फिर अपने इलाके में उनके अलग ट्रेनिंग कैंप स्थापित करने का भी विकल्प अपना सकता है। उन्होंने बताया चीन साजिश रच रहा है कि आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर के भीतर प्रशासन और सेना को उलझाए रखें और वह लद्दाख व अन्य क्षेत्रों में अपने अतिक्रमणकारी सोच को बढ़ाता रहे।