Jammu Kashmir: पीडीपी नेता वहीद उर रहमान सहित तीन लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर

एनआइए ने पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमाना पारा सहित तीन लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया। वहीद उर रहमान पारा पर आरोप है कि वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के लिए पैसे का बंदोबस्त करता था।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 04:44 PM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 05:35 PM (IST)
Jammu Kashmir: पीडीपी नेता वहीद उर रहमान सहित तीन लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर
पीडीपी के वहीद उर रहमाना पारा सहित तीन लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया।

जम्मू, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार काे पीपुल्स डेमाक्रेटिक पार्टी की युवा इकाई के प्रधान वहीद उर रहमाना पारा समेत तीन लाेगों के खिलाफ एनआइए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया है। पारा पर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों को हथियारों की खरीद के लिए धन उपलब्ध कराने व राजनीतिक-आतंकी नेटवर्क तैयार करने के आराेप हैं। अन्य दो आरोपिताें के खिलाफ गुलाम कश्मीर से हथियारों की तस्करी करने और उन्हें वादी में सक्रिय विभिन्न आतंकी संगठनों तक पहुंचाने के लिए एक नेटवर्क तैयार करने का आरोप है। ये तीनों 11 जनवरी को पकड़े गए पुलिस डीएसपी देवेंद्र सिंह व हिजबुल मुजाहिदीन के कुख्यात आतंकी नवीद मुश्ताक के नेटवर्क के साथ जुड़े हुए थे। पीडीपी नेता काे नवंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया है।

एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि डीएसपी देवेंद्र सिंह और आतंकी नवीद मुश्ताक उर्फ बाबू से संबधित मामलाे मं पकड़े गए शाहीद अहमद लोन, तफाजुल हुसैन परिमू औेर वहीद उर रहमान पारा के खिलाफ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने, राजद्राेह, हिंसा व सशस्त्र अधिनियम संबंधी विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्जकिए गए हैं। अाज इन तीनाें के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया है।

उन्होंने बताया कि 11 जनवरी 2020 को जम्मू् कश्मीर पुलिस ने डीएसपी दविंदर सिंह को उस समय श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिरफ्तार किया था जब वह अपने साथ आतंकी नवीद बाबू, रफी अहमद और इरफान अहमद को कार में जम्मू ले जा रहा था। दविंदर सिंह श्रीनगर एयरपोर्ट पर एंटी हाइ जैकिंग विंग में था। आतंकियों संग पकड़े जाने के बाद देवेंद्र सिंह को पुलिस प्रशासन ने निलंबित कर दिया था। इस सिलसिले में काजीगुंड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस के आग्रह पर यह जांच एनआइए को सौंपी गई थी। एनआइए पहले ही इस मामले में आठ लोगाें के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर चुकी है।

एनआइए के प्रवक्ता ने बताया आरोपित वहीद उर रहमान पारा हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों को हथियारों व अन्य साजाे सामान की खरीद के लिए पैसा उपलब्ध कराता था। वह विभिन्न तरीकों से पैसा जमाकरने क अलावा उसे आतंकियों तक पहुंचाने का भी जुगाड़ करता था। वह जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा की सियासत करने वाले राजनीतिक लाेगों के अलाववादियों व आतंकियों के साथ गठजोड़ में भी अहम भूृमिका निभा रहा था। उसके माेबाइल फोन और सिमकार्ड की गहन जांच से भी उसके आतंकियों के साथ कथित संबंधों की पुष्टि हुई है।

वहीद उर रहमान पारा के अलावा शाहीन अहमद लोन व तफाजुल हुसैन परिमू गुलाम कश्मीर से हथियारों की तस्करी करते थे। वह इन हथियारों को जम्मू कश्मीर में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर ए तैयबा के आतंकियों तक पहुंचाते थे। हथियारों के अलावा यहजम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के लिए सरहद पार बैठे अपने आकाओं के इशारे पर पैसे काभी बंदोबस्त करते थे। प्रवक्ता ने बताया कि अभी इस मामले जांच चल रही है। आने वाले दिनों में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

गौरतलब है कि गत 24 फरवरी को वहीद उर रहमान पारा की जमारनत याचिका को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया था। अदालत के अनुसार, वहीद उदर रहमान पारा के खिलाफ जमा सुबूतों के आधार पर यह पक्का हो गया है कि जम्मू कश्मीर में वह आतंकवाद में मदद कर रहा था। इसकी जानकारी अदालत को केस डायरी व कॉल डिटेल के आधार पर मिले सुबूतों के आधार पर हुई। इसके अतिरिक्त बैंक खातों में भी बहुत बड़े पैमाने पर पैसे के लेन-देन की पुष्टि हुई और इसकी जांच जारी है। जम्मू कश्मीर पुलिस का सीआइडी विंग कश्मीर ट्रांजिट रिमांड पर श्रीनगर लाया था। वहीद उर रहमान पारा को एनआइए ने 25 नवंबर 2020 को गिरफ्तार किया था।

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