Jammu : तस्करों के लिए सुरक्षित घुसपैठ का अड्डा बन चुका है चक गोटा मग्गर खड्ड क्षेत्र

पंजाब सीमा पास होने और मग्गर खड़्ड से होकर रावी दरिया पार कर पंजाब की दूरी कम रहती हैदरिया का रास्ता अंधेरे के समय में पशु तस्करी सहित अन्य संदिग्ध गतिविधियां चलाने में सुरक्षित रहता हैक्योंकि उनके गांव से सीधा दरिया के बीच से पंजाब को रास्ता जाता है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 08 Aug 2022 02:04 PM (IST) Updated:Mon, 08 Aug 2022 02:04 PM (IST)
Jammu : तस्करों के लिए सुरक्षित घुसपैठ का अड्डा बन चुका है चक गोटा मग्गर खड्ड क्षेत्र
पुलिस पर ऐसा हमला जहां पहली बार नहीं हुआ है।

कठुआ, राकेश शर्मा : तस्करी के धंधे में सक्रिय अपराधियों काे सुरक्षित घुसपैठ कराने का चक गोटा मग्गर खड्ड क्षेत्र एक अड्डा बन चुका है।जो जहां आए दिन संदिग्ध एवं आपराधिक गतिविधियों के चलते चर्चा में रहने लगा है।इसका एक और बड़ा उदाहरण रविवार फिर जहां के आपराधिक एवं सदिग्ध गतिविधि वाले लोगों ने तलाशी लेने वहां पहुंचे पुलिस दल पर जानलेवा हमला कर दे दिया है।जिसमें पुलिस के चार कर्मी घायल हुए हैं।

हमला इतना जानलेवा था कि पूरा गांव लाठियाें, पत्थरों, तेजदार हथियार लेकर पुलिस दल पर टूट पड़े,जहां पुलिस को अपनी जान बचाने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी।दूसरा ऐसा करके उन्होंने आपराधिक गतिविधियों में उनके बढ़ते हौसलों का भी उदाहरण दिया है।इसी के चलते जिला मुख्यालय से सटे सबसे महत्वपूर्ण संवेदनशील हाइवे से सटा और रावी दरिया से हाेकर कुछ ही दूरी पर पंजाब सीमा से जुड़ा क्षेत्र होने के चलते पुलिस एवं सुरक्षा एजेेंसियों की जहां महत्वपूर्ण दिवसों पर कड़ी नजर रहती है, जो वहां पर तस्करी जैसे अपराध करने वालों को अखरी रहती है, हालांकि एक माह के दौरान एसओजी ने उस क्षेत्र में तीन बार तलाशी अभियान चलाया है।

इससे 15 दिन पहले मग्गर खड्ड में ही एसओजी ने तलायाी अभियान के दौरा एक युवक को संदिग्ध गतिविधियाें के चलते पकड़ा था और उसे लखनपुर थाना पुलिस के हवाले किया था,उससे पहले श्री अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पूर्व भी एसओजी ने उक्त क्षेत्र को संदिग्ध होने पर खंगाला था,जो उन्हें अखर रहा था,इसी को अपने धंधे वाले रास्तों में बन रही रुकावट को दूर करने की सोच पाल उन्होंने इस बार तलाशी अभियान दल पर हमला बोल दिया।

ये भी सच्चाई है कि उक्त क्षेत्र में अभी पिछले कुछ ही नहीं बल्कि काफी वर्षाें से उपरोक्त गतिविधियों का अड्डा बना है।इसी के चलते जिला में होने वाले महत्वपूर्ण समारोह पर पुलिस जहां चक गोटा गांव को हाइवे से जाने वाले मार्ग के मुख्य द्वार पर नाका लगाती है। जैसे अमरनाथ यात्रा शुरू होने पर वहां लगाया गया है।अब 15 अगस्त को भी वहां नाके पर कड़ा पहरा रहेगा।पुलिस की इस तरह की सख्ती उनके अवैध धंधे में रकावट बन रही है।जिसे वो हमला कर हटाने का प्रयास करते हैं।

पुलिस पर ऐसा हमला जहां पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले कई हमले हो चुके हैं।हालांकि गांव में कुछ इनके लोग अगर पुलिस को उनकी संदिग्ध गतिविधियों कर सूचना देने के प्रयास करते हें तो उन पर भी हमला बोल देता है,जैसा इस बार भी किया।इससे कुछ वर्ष पहले स्थानीय एक युवक को इसलिए उन्होंने अधमरा कर छोड़ दिया था कि उन्हें पुलिस की मुखबिर होने का शक हो गया था।

पंजाब सीमा पास होने और मग्गर खड़्ड से होकर रावी दरिया पार कर पंजाब की दूरी कम रहती है,दरिया का रास्ता अंधेरे के समय में पशु तस्करी सहित अन्य संदिग्ध गतिविधियां चलाने में सुरक्षित रहता है,क्योंकि उनके गांव से सीधा दरिया के बीच से पंजाब को रास्ता जाता है।

बार बार ऐसी संदिग्ध गतिविधियां चलाने वालों पर प्रशासन सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करता, राजनेता भी चुप

अब सवाल ये है कि जहां पर बार बार ऐसी संदिग्ध गतिविधियां चलाने वालों पर प्रशासन सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करता है,क्यों इसे अपराध का अड्डा बनने के लिए छोड़ दिया जा रहा है।जहां खड्ड के इनके अन्य जिलों से होकर जहां बसने के बाद और भी दर्जनों के हिसाब से हाइवे पर पुल के निचे रावी दरिया वाले क्षेत्र में तिरपाल लगाकर बिना पहचान वाले लोग बस चुके हैं,जब कि प्रशासन चाहे तो उन्हें दरिया में आने वाली बरसा तके दौरान बाढ़ के कारण भी उठा सकता है,लेकिन ऐसी कार्रवाई करने के लिए प्रशासन व राजनेता हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं,जिसके चलते ऐसे संदिग्ध लोग दरिया व खड्ड के किनारे अवैध रूप से बस कर असमाजिक व संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम देने व घुसपैठ कराने वालों की मदद करते हैं।

अभी तक किसी भी राजनीतिक संगठन ने चक गोटा क्षेत्र में आए दिन घट रही आपराधिक गतिविधियों पर आवाज नहीं उठाई है और ये भी है कि इन्हें जहां लाने वाले भी राजेनता ही है,प्रशासन के अधिकारी बाहरी राज्यों या बाहरी जिलों के होते हैं,वो इन विवादों में न पड़कर अपना समय जैसे कैसे हो शांति से निकाल कर चले जाते हैं,लेकिन ये मुसीबत स्थानीय लोगों के लिए बनती जा रही है जो अब प्रशासन के लिए भी ऐसे हमले होने से बनने लगी है।

ऐसे लोग स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है।जब कि पिछले दिनों चंडीगढ़ की एक अदालत में रावी में भारी अवैध खनन को देशद्रोही ताकतों के लिए सुरक्षित घुसपैठ मार्ग होने की आशंका भी जताई गई थी।उसी को आधार बनाकर प्रशासन वहां से ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर सकता है।  

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